Wednesday, February 15, 2017

देश को मूर्ख मत समझो राहुल गाँधी, मोदी के बजाय मनमोहन पर लगाओ आरोप

देश की दौलत देश के सबसे अमीर 100-50 लोगों को दे देने का आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगा रहे राहुल गाँधी के आरोप कितने प्रामाणिक है इसका कोई ठोस साक्ष्य या तथ्य राहुल गाँधी ने आजतक सार्वजनिक नहीं किया है. किन्तु राहुल गाँधी की कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासनकाल में देश के सबसे अमीर 100-50 व्यक्तियों की सम्पत्ति में हुई आशातीत वृद्धि के आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. यह आंकड़ें यूपीए सरकार के शासनकाल को सन्देह और सवालों के कठघरे में खड़ा करते हैं. 



देश की दौलत देश के सबसे अमीर 100-50 व्यक्तियों की सम्पत्ति में हुई आशातीत वृद्धि के आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. यह आंकड़ें यूपीए सरकार के शासनकाल को सन्देह और सवालों के कठघरे में खड़ा करते हैं. अतः आजकल बिना किसी साक्ष्य या तथ्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश की दौलत देश के सबसे अमीर 100-50 व्यक्तियों को देने का आरोप लगा रहे राहुल गाँधी को देश से यह बताना चाहिए, स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यूपीए के यूपीए के 10 वर्षीय शासनकाल में 2004से2014 के दौरान जब देश के क़र्ज़ में औसतन लगभग 33.5बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष की वृद्धि हो रही थी उसी दौरान हैवेल्स के मालिक कीमतराय गुप्ता की दौलत में105 गुना
बढ़ोत्तरी कैसे और क्यों हुई तथा 2004 में मात्र 107 करोड़ रू की संपत्ति के स्वामी कीमत राय गुप्ता की सम्पत्ति बढ़कर 2014 में 11 हज़ार 310 करोड़ रू कैसे हो गयी थी. यूपीए शासन में फर्श से अर्श पर पहुंची अपनी अकूत सम्पत्ति के आंकड़े का एकमात्र उदाहरण या अपवाद मात्र नहीं है कीमत राय गुप्ता. उसी यूपीए शासन में गोदरेज कम्पनी के मालिक आदि गोदरेज की 2004 में सम्पत्ति मात्र 907 करोड़ थी जो 2014 तक लगभग 74 गुना बढ़कर 67 हज़ार 280 करोड़ रू हो चुकी थी. इसी प्रकार मशहूर और विवादास्पद हिंदुजा ब्रदर्स की सम्पत्ति का जो आंकड़ा

2004 में 2 हज़ार 252 करोड़ रू था वो २०१४ तक आते आते 34 गुना बढ़कर 77 हज़ार 140 करोड़ रू हो गया था. यूपीए के शासनकाल में अपनी सम्पत्ति में 34 गुना वृद्धि करनेवाले एक और अरबपति उद्योगपति रूइय्या ब्रदर्स के शशि रवि रूइय्या हैं जिनकी संपत्ति जो 2004 में केवल 1 हज़ार 7 करोड़ रू थी वो 2014 में बढ़कर 34 हज़ार 220 करोड़ हो गयी थी. इसी प्रकार वीडियोकॉन कम्पनी के मालिक वेणुगोपाल धूत की सम्पत्ति में 2004 से 2014 के मध्य 52 गुना वृद्धि हुई थी और वह केवल 227 करोड़ से बढ़कर 12 हज़ार 6 करोड़ हो गयी थी. 2004 से 2014 के यूपीए शासनकाल के दौरान दवा कम्पनी सन फार्मास्युटिकल्स के
मालिक दिलीप संघवी की सम्पत्ति आश्चर्यजनक रूप से 5 हज़ार 69 करोड़ से बढ़कर 1 लाख 04 हज़ार 400 करोड़ हो गयी थी. एक और दवा कम्पनी ल्युपिन के मालिक देशबन्धु गुप्ता की सम्पत्ति मात्र 1 हज़ार 320 करोड़ से बढ़कर 27 हज़ार 840करोड़ हो गयी थी. इसी तरह एचसीएल कम्पनी के सह संस्थापक शिव नाडार की सम्पत्ति में 2004 से 2014 के मध्य ऐसा जबरदस्त उछाल आया था कि उनकी सम्पत्ति 7 हज़ार 920 करोड़ रू से बढ़कर 72 हज़ार 500 करोड़ रू हो गयी थी. टाटा संस के पालोन जी मिस्त्री की सम्पन्नता इतनी तेज गति से बढ़ी थी कि केवल 10 साल में 2004 में उनकी सम्पत्ति जो 12 हज़ार 120 करोड़ रू थी वो 2014 तक बढ़कर 92 हज़ार 200 करोड़ हो गयी थी. 

रियल एस्टेट व्यवसायी चन्द्रू रहेजा पर भी यूपीए शासनकाल में ऐसी गज़ब धनवर्षा हुई थी कि 2004 में उनकी सम्पत्ति जो केवल 546 करोड़ रू थी वो 2014 में बढ़कर 12 हज़ार 180 करोड़ हो चुकी थी. देश के ऐसे १००-५० धनाढ्यों की यह सूची बहुत लम्बी है जिनपर 2004 से 2014 के मध्य यूपीए शासनकाल में अकूत धन की वर्षा हुई थी. इसी दौरान ओपी जिंदल ग्रुप की सावित्री जिंदल की सम्पत्ति 2 हज़ार 901 करोड़ रू से बढ़कर 37 हज़ार 120 करोड़ रू हुई तो भारत फोर्ज के बाबा कल्याणी की
सम्पत्ति 1 हज़ार 638 करोड़ रू से बढ़कर 13 हज़ार 398 करोड़ हो गयी और विप्रो के मालिक अज़ीम प्रेम जी की सम्पत्ति 8 हज़ार 490 करोड़ रू से बढ़कर 72 हज़ार 500 करोड़ रू तथा बिरला समूह के कुमार मंगलम बिरला की संपत्ति 5 हज़ार 69 करोड़ रू से बढ़कर 53 हज़ार 360 करोड़ रू हो गयी थी. लेकिन इस सूची में शामिल उन तीन नामों का उल्लेख किये बिना यह सूची अप्रासंगिक ही रहेगी जिनका नाम लेकर आजकल राहुल गाँधी प्रधानमंत्री पर तीखे हमले कर रहे हैं. इसमें सबसे पहला और चर्चित नाम है उन गौतम अडानी का जिनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी 
होने का आरोप लगाकर उनको लाभ पहुँचाने का आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पिछले ढाई वर्षों से राहुल गाँधी और उनकी कांग्रेस लगा रही है. जबकि राहुल गाँधी को देश से यह अवश्य बताना चाहिए की जिन गौतम अडानी की सम्पत्ति 2004 में मात्र 831 करोड़ रू थी वो अगस्त 2014 तक 92 गुना बढ़कर 77 हज़ार 140 करोड़ कैसे हो गयी थी.? क्या अडानी की यह सम्पत्ति मई 2014 से अगस्त 2014 के मध्य के केवल तीन महीनों में ही बढ़ी थी.?
इसी तरह राहुल गाँधी को यह भी बताना चाहिए कि जिस रिलायंस इंस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी पर सरकारी कृपा करने का आरोप वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पिछले ढाई वर्षों से लगातार लगा रहे हैं उन्हीं मुकेश अम्बानी की जो सम्पत्ति 2004 में 12 हज़ार 800 करोड़ रू थी वो 2014 तक आते आते बढ़कर 1 लाख 36 हज़ार 880 करोड़ रू कैसे हो गयी थी.?
और सबसे अंत में बात उस विजय माल्या की जिसकी सम्पत्ति 2004 में मात्र 443 करोड़ थी और 2014 तक आते आते आते बढ़कर वो 5 हज़ार 120 करोड़ कैसे हो 
हो गयी थी.?
यह सवाल और 2004 से 2014 के मध्य 
यूपीए शासनकाल में अरबपतियों की सम्पत्ति में आयी धन की प्रचण्ड बाढ़ के उपरोक्त तथ्य इसलिए और भी अधिक गम्भीर हो जाते हैं क्योंकि इस दौरान देश के कर्ज़ में 16 लाख 86 हज़ार 528 करोड़ रू की वृद्धि हुई थी.
देश की 60% दौलत देश के 100-50 रईसों को दे देने का आरोप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगा रहे राहुल गाँधी को देश को यह जवाब देना चाहिए कि कारपोरेट जगत के इन टॉप 100 रईसों पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 वर्षों के शासनकाल में अकूत धन सम्पदा की मूसलाधार वर्षा का कारण क्यों और कैसे तथा किसकी कृपा से किसके कहने पर हुआ था.? राहुल गाँधी को देश से यह बताना चाहिए कि जब कर्ज़ के बोझ के कारण देश में लाखों किसान आत्महत्या कर रहे थे, देश 16 लाख करोड़ से अधिक के कर्ज़ की गहरी खाई में फँसता जा रहा तब इन रईसों पर हुई इस अकूत धनवर्षा से देश के गरीबों का, देश के किसानों का, देश के आम आदमी का क्या कितना और कैसा भला हुआ था.?
अतः र्राहुल गाँधी के लिए यह उचित होगा कि देश के टॉप 100 रईसों पर हुई धनवर्षा के कारणों का उत्तर वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय कांग्रेस से मांगे 




Monday, February 6, 2017

न्यूजचैनलों ने यह सच्चाई हमेशा छुपाई, हमको आपको कभी नहीं बताई.

देश की दौलत देश के सबसे अमीर 100-50 लोगों को दे देने का आरोप आजकल यूपी में घूम घूम कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगा रहे है राहुल गाँधी.
यह 👇🏼वीडियो देखिये फिर स्वयं फैसला कीजिये कि सच क्या है, झूठ क्या है.? तथा इस तथ्य से, इस सत्य से अधिकतम लोगों को परिचित करवाये. क्योंकि राहुल गाँधी के आरोपों को बार बार लगातार दिखाने सुनाने वाले 
न्यूजचैनलों ने यह सच्चाई हमेशा छुपाई, हमको आपको कभी नहीं बताई.