Friday, May 26, 2017

मोदी सरकार के 3 साल: पहली कसौटी



मोदी सरकार का पिछले 3 वर्षों का कार्यकाल कैसा रहा.? इस प्रश्न का उत्तर कम से कम दस कसौटियों पर कसने के बाद ही देना उचित होगा। मोदी सरकार के तीन वर्षों के कार्यकाल का आंकलन करने की मेरी पहली और सबसे महत्वपूर्ण कसौटी है भ्रष्टाचार।
पिछले 30 वर्षों से केंद्र व प्रदेश की सरकारों के कार्यकाल देखता रहा हूं। अतः निस्संकोच यह कह सकता हूं कि मोदी सरकार निस्संदेह अबतक की पहली भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है। 
यह बात मैं यूं ही नहीं कह रहा। पिछले 3 वर्षों के दौरान केवल रसोई गैस, मिट्टी के तेल पीडीएस प्रणाली व उर्वरक आदि की सब्सिडी की वितरण प्रणाली का डिजिटिलाइजेशन करके दशकों से होती रही प्रतिवर्ष 60 हज़ार करोड़ रूपयों की चोरी को मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है। 
ऐसे ही कुछ और प्रयास भी मोदी सरकार कर रही है। उसके इन प्रयासों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया अगले 6 से 12 महीनों में पूर्ण होने वाली है। वित्त एवम प्रशासनिक तंत्र की गहन जानकारी रखनेवाले विशेषज्ञों के अनुसार मोदी सरकार के उपरोक्त प्रयासों का क्रियान्वयन प्रारम्भ होते ही अबतक खत्म की जा चुकी लगभग 60 हज़ार करोड़ की चोरी के अलावा लगभग 40 हज़ार करोड़ रू की चोरी और रुक जाएगी। अर्थात सरकारी खजाने से प्रतिवर्ष होती रही लगभग एक लाख करोड़ रूपयों की चोरी का पूरी तरह खात्मा अगले 6 से 12 महीनों की समयावधि में हो जाएगा।
ध्यान रहे कि उपरोक्त तथ्य कोई सियासी दावा वायदा या घोषणा नहीं है। इसके बजाय उपरोक्त तथ्य पिछले 3 वर्षों के दौरान सरकारी दस्तावेजों में तथ्यों साक्ष्यों के साथ दर्ज हुई सच्चाई है।
मित्रों पिछले कई दशकों से हो रही यह जघन्य लूट किसी और की लूट नहीं थी। इसके बजाय यह लूट हमारे आपके गाढ़े पसीने की उस कमाई की लूट थी जिसे हम आप विभिन्न टैक्सों के रूप में सरकार को प्रतिवर्ष इसलिए देते हैं ताकि देश में विकास कार्य हों तथा गरीबों की मदद के कार्यक्रमों और योजनाओं का क्रियान्वयन हो।
भ्रष्ट नौकरशाहों बाबुओं ठेकेदारों दलालों द्वारा प्रतिवर्ष की जाती रही लगभग एक लाख करोड़ रूपयों की यह लूट क्या सरकार में बैठे सत्ताधीशों के संरक्षण सहयोग और साझेदारी के बिना सम्भव हो सकती थी.?
मेरा मानना है कि सरकार में बैठे सत्ताधीशों के संरक्षण सहयोग और साझेदारी के बिना इतनी बड़ी और जघन्य लूट सम्भव ही नहीं थी।
पिछले 3 सालों के अपने कार्यकाल में इस लूट को सफलतापूर्वक खत्म कर के मोदी सरकार ने यह सिद्ध भी कर दिया है। इस एक लाख करोड़ की लूट के अलावा पिछले 3 वर्षों में मोदी सरकार ने केवल कोयले और स्पेक्ट्रम की नीलामी से ही लगभग 10 लाख करोड़ रूपये सरकार के खजाने में पहुंचाए हैं और आगे आने वाले वर्षों में लगभग 30 लाख करोड़ रूपये और पहुंचेंगे।
ध्यान रहे कि पिछली सरकार ने इसी कोयले को भ्रष्ट लुटेरे धन्नासेठों को मुफ्त में तथा स्पेक्ट्रम को 7 हजार करोड़ में दे दिया था।
किसी भी देश की गरीबी बेरोजगारी भुखमरी सरीखी अनेक गम्भीर समस्याओं के फलने फूलने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण और सबसे खतरनाक भूमिका भ्रष्टाचार ही निभाता है। इसीलिए किसी भी सरकार के श्वेत श्याम पक्षों का आंकलन करने के लिए मेरी पहली और सबसे महत्वपूर्ण कसौटी यह होती है कि भ्रष्टाचार के प्रति उस सरकार का रुख क्या और कैसा है.?
अतः मोदी सरकार के 3 साल के कार्यकाल को अपनी इस पहली कसौटी पर मैं 90% खरा मानता हूं।
90% खरा इसलिए मानता हूं क्योंकि किसी भी कार्य या नीति में 10% सुधार की संभावना सदैव रहती है।