Friday, June 15, 2018

हीरे के सौन्दर्य की समीक्षा कोयला कर रहा है

सपा बसपा कांग्रेस और न्यूजचैनली मीडिया के "चटपटे फास्टफूड" सरीखे एंकरों एडीटरों एवं लाल बुझ्झकड़ी विश्लेषकों की फौज आजकल एक ही राग अलाप रही है कि मोदी सरकार ने 4 साल में और योगी सरकार सरकार ने एक साल में कोई काम ही नहीं किया।
आइए सच्चाई जानने का प्रयास करते हैं।
2012 में उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में सपा ने किसानों का 50 हज़ार रुपये का कर्ज माफ करने का वायदा किया था। इसमें ना तो कोई शर्त जोड़ी थी, ना ही कोई शर्त बताई थी। लेकिन सरकार बनने के 8 माह बाद 23 नवम्बर 2014 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कर्ज़ माफ़ी की घोषणा इस शर्त के साथ की थी कि यह कर्जमाफी व्यवसायिक बैंकों के कर्ज पर लागू नहीं होगी। अखिलेश सरकार की इस शर्त के बाद पूरे प्रदेश के किसानों का मात्र 1,650 करोड़ का कर्ज माफ किया गया था। यह कर्ज़ भी एक साथ माफ नहीं किया था। 1,650 करोड़ के कर्ज माफ करने के लिए सरकार ने पहले वर्ष के बजट में मात्र 500 करोड़ रूपयों का प्रावधान किया गया था। अखिलेश ने इस कर्ज़ माफ़ी से लगभग 7 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का दावा किया था।
लेकिन 19 मार्च 2017 में उत्तरप्रदेश में सरकार बनने के मात्र 15 दिन बाद 4 अप्रैल 2017 को योगी सरकार ने किसानों का 36,000 करोड़ का कर्ज माफ कर दिया था। इससे प्रदेश के लगभग 2 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचा। पर हास्यास्पद विडम्बना देखिए कि वही अखिलेश यादव आज कह रहा है कि योगी सरकार ने कर्ज़माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया, किसानों के लिए कोई काम नहीं किया। इससे बड़ी विडम्बना यह कि अखिलेश यादव के इस आरोप पर न्यूजचैनली मीडिया आजकल बेसुध होकर झूम रहा है।
यह कुछ ऐसी स्थिति है जैसे कि हीरे के सौन्दर्य की समीक्षा कोयला कर रहा हो।
अखिलेश यादव सरकार द्वारा मात्र 1,650 करोड़ के कर्ज की सशर्त माफ़ी के समाचार का लिंक
https://www.bbc.com/hindi/india/2012/11/121122_farmer_loan_waiver_pa

योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 36,000 करोड़ की कर्जमाफी के समाचार का लिंक
https://www.patrika.com/unnao-news/public-likes-bjp-kisan-karj-maaf-in-unnao-news-in-hindi-1545558/

No comments:

Post a Comment