Monday, June 20, 2016

यदि केजरीवाल का तर्क ही सही है तो...

यदि केजरीवाल का तर्क ही सही है तो उसी तर्क के आधार पर केजरीवाल के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, नरसंहार और फिरौती के लिए अपहरण करने के दर्ज़नों केस दर्ज़ कर NIA को केजरीवाल को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए और केजरीवाल के खिलाफ रासुका लगानी चाहिए...
केजरीवाल का कहना है कि, भाजपा सांसद महेश गिरी होटल मालिक रमेश कक्कड़ को लेकर लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग से मिलने गए थे. उसके 6 दिन बाद NDMC की अधिकारी की हत्या हो गयी इसलिए महेश गिरी को भी एम एम खान की हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया जाए.
हालांकि महेश गिरी ऐसे किसी भी आरोप से इनकार कर रहे हैं और इसी आरोप के सबूत की मांग को लेकर केजरीवाल के घर के सामने धरने पर बैठे हुए हैं. केजरीवाल ना तो कोई सबूत दे पा रहे हैं और ना महेश गिरी का सामना कर पा रहे हैं.
केजरीवाल के अनुसार यदि महेश गिरी किसी को लेकर गवर्नर से मिलने जाएं औेर वो आदमी 6दिन बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार हो जाये तो महेश गिरी को भी गिरफ्तार कर के उनपर भी हत्या का केस दर्ज़ होना चाहिए. केजरीवाल को शायद यह याद नहीं हो या फिर राजनीतिक सुविधानुसार भूल जाने का केजरीवाली पाखण्ड हो लेकिन देश नहीं भूला है.
लगभग ढाई साल पहले जिस 5 लाख रूपये के इनामी हत्यारे नक्सल सरगना सव्यसाची पांडा को केजरीवाल ने ओड़िशा में अपनी पार्टी का नेता नियुक्त किया था उस नक्सली सरगना पांडा के खिलाफ दर्ज़ नरसंहार, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, फिरौती जैसे संगीन अपराधों की संख्या 100 से अधिक थी.
अतः केजरीवाल के अनुसार यदि किसी के साथ जाकर लेफ्टिनेंट गवर्नर से मिलने मात्र से महेश गिरी उस व्यक्ति द्वारा 6 दिन बाद किये गए अपराध में बराबर के भागीदार हैं, तो फिर नरसंहार, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, फिरौती जैसे जघन्य अपराधों से घिरे एक कुख्यात हत्यारे को राजनीतिक शरण सहायता समर्थन देनेवाले केजरीवाल को उस हत्यारे के जघन्य अपराधों में बराबर का भागीदार मानकर केजरीवाल के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई क्यों ना की जाए.?
यहां यह उल्लेखनीय है कि महेश गिरी अपने खिलाफ केजरीवाल के आरोपों को दृढ़ता से नकार रहे है. केजरीवाल से सबूतों की मांग कर रहे हैं औेर केजरीवाल ना सबूत दे पा रहे हैं ना महेश गिरी का सामना कर पा रहे हैं. जबकि केजरीवाल द्वारा सव्यसाची पांडा को राजनीतिक शरण सहायता समर्थन के हज़ारों साक्ष्य सैकड़ों मीडिया रिपोर्टों में दर्ज़ हैं.
इस पूरे प्रकरण में सनसनी खेज शर्मनाक और खतरनाक सच्चाई यह है कि केजरीवाल ने जब इस कुख्यात हत्यारे नक्सली सरगना को ओडिशा में अपनी पार्टी का नेता बनाया था तब वो फरार चल रहा था और उसके ज़िंदा या मुर्दा पकडे जाने पर सरकार ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. मोदी सरकार बनने के बाद जुलाई 2014 में पांडा को गिरफ्तार किया जा सका था.
इसीलिए मेरा मानना है कि...
यदि केजरीवाल का तर्क ही सही है तो उसी तर्क के आधार पर केजरीवाल के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, नरसंहार और फिरौती के लिए अपहरण करने के दर्ज़नों केस दर्ज़ कर NIA को केजरीवाल को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए और केजरीवाल के खिलाफ रासुका लगानी चाहिए.

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