Wednesday, January 25, 2017

सैनिकों को जीवनरक्षा कवच दिया है मोदी सरकार ने

बीती 23 नवम्बर को देश के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्यसभा में यह सूचना देकर देश को बताया था कि सेना को दी जानेवाली 3,53,765 बुलेटप्रूफ जैकेट्स में से 50000 अत्याधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट्स की पहली खेप सेना को पिछले महीने मिल चुकी हैं.
      देश के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा दी गयी यह सूचना कितनी महत्वपूर्ण थी यह इसी से समझा जा सकता है कि पिछले डेढ़-दो महीने से कश्मीर में आतंकवादियों से हुई ताबड़तोड़ मुठभेड़ों में दर्ज़नों आतंकवादियों को उनके कई कमांडरों समेत सेना ने मौत के घाट तो उतारा है किन्तु अपने किसी जवान की शहादत नहीं होने दी है.? 
अब कश्मीर में सैनिकों की शहादत की खबरें आना लगभग बन्द हो गयी हैं. देश की सरकार ने सेना के जवानों को उनकी अनमोल जीवनरक्षा के जिस कवच "बुलेटप्रूफ जैकेट्स" से लैस कर दिया है उसने जवानों के शौर्य साहस पराक्रम और मनोबल को आसमान पर पहुंचा दिया है. इसी का परिणाम है कि सेना अब आतंकवादियों को उनके गढ़ में घुसकर/चढ़कर मौत के घाट उतार रही है जिसके फलस्वरूप पिछले डेढ़-दो महीनों से कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ों की और उन मुठभेड़ों में आतंकियों की मौतों की खबरों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है. 
देशरक्षा का यह सुखद घटनाक्रम स्वतः या अनायास नहीं हुआ है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की अत्यंत विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका है.
सेना के लिए Defence Acquisition Council (DAC) ने अक्टूबर 2009 में 3,53,765 बुलेटप्रूफ जैकेट्स की आवश्यकता बताते हुए उनकी आपूर्ति की मांग कांग्रेस नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार से की थी. सेना के जवानों की जिंदगी से जुडी उस अत्यंत महत्वपूर्ण मांग पर यूपीए सरकार ने कार्रवाई के नाम पर 5 साल में केवल यह किया था कि मई 2014 में सत्ता से अपनी विदाई के समय तक उसने केवल उन 6 सप्लायरों को चिन्हित किया था जिन्हें बुलेटप्रूफ सप्लाई का ठेका दिया जाना था.
केंद्र मोदी सरकार आने के तत्काल बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलेटप्रूफ खरीदने का आदेश दिया था. 10 लाख से अधिक संख्या बल वाली सेना के आधुनिकीकरण की जरूरत को ध्यान में रखकर नवंबर 2014 में मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री का पद संभालने के साथ ही जैकेटों के लिए व्यवस्था के निर्देश दिए थे. लेकिन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा चिन्हित उन 6 सप्लायरों की बुलेटप्रूफ जैकेट्स का जब परिक्षण करवाया तो उन सभी 6 सप्लायरों की बुलेटप्रूफ जैकेट्स घटिया दर्ज़े की तथा सेना के निर्धारित मानकों से निम्न स्तर की निकली. कांग्रेस की यूपीए सरकार ने ऐसी घटिया और निम्नस्तर की बुलेटप्रूफ जैकेट्स बनानेवाले सप्लायरों को बुलेटप्रूफ जैकेट्स सप्लाई का ठेका देने के लिए क्यों कैसे और किस लिए चिन्हित किया था.? यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है. किन्तु उसकी इस कार्रवाई से मोदी सरकार के समक्ष बुलेटप्रूफ जैकेट्स की सप्लाई का संकट उत्पन्न हो गया था. अतः इस स्थिति से उबरने के लिए रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक साहसी निर्णय लिया था. उन्होंने देश की ही Tata Advanced Materials Limited से जवानों के सिर गर्दन छाती और पेट की सुरक्षा करने वाली अत्यंत हल्की अत्याधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट्स की आपात अंतरिम खरीद के लिए अनुमति दी थी. जिसके फलस्वरूप बीती अक्टूबर के अंत में सेना के पास उन 50,000 बुलेटप्रूफ जैकेट्स की पहली खेप पहुँच चुकी है और जिसके सुपरिणाम हम आजकल हम कश्मीर में देख रहे हैं. कम वजन वाली यह नई जैकेट सेना के नए जीएसक्यूआर (जनरल स्टाफ की गुणवत्ता की जरूरतों का विश्लेषण करने का पैरामीटर) के तहत सिर, गले, छाती और बगलों की सुरक्षा कर सकने में शत-प्रतिशत सक्षम है. इसके साथ ही कम वजन की इन जैकेट से सैनिकों को मुश्किल क्षेत्रों में ऑपरेशन के दौरान एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी मदद मिलेगी।
यह मोदी सरकार की कोई छोटी-मोटी कार्रवाई नहीं है. यह उसकी ऐतिहासिक उपलब्धि है.
किन्तु दुर्भाग्य से एक कोर्टमार्शल की सजा पाए जवान के वीडियो पर हफ्तों तक रोजाना घण्टों चर्चा करते रहे न्यूजचैनलों ने सरकार की इस ऐतिहासिक कार्रवाई से सम्बन्धित एक लाइन की सूचना या समाचार तक हमको आपको आजतक नहीं दिखाया सुनाया है. 
NOTE : खबर की पुष्टि आप इस लिंक पर जाकर कर सकते हैं
http://www.indiatimes.com/news/india/after-a-wait-of-seven-years-indian-army-finally-gets-first-lot-of-50-000-bulletproof-vests-266033.html

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