कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी के अवसर पर सोनिया गांधी ने यह याद दिलाया कि... "जब मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद सम्भाला था उस समय केवल 3 राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।"
लेकिन यह बताते समय सोनिया गांधी यह बताना भूल गईं कि आज जब मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ रही हूं उस समय 5 राज्यों में कांग्रेस की सरकार है जिसमें से एक राज्य(हिमांचल) में 48 घण्टों बाद कांग्रेस की राज्य सरकार नहीं रहेगी। इसके साथ ही साथ सोनिया गांधी यह भी बताना भूल गईं कि जब मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद सम्भाला था उस समय लोकसभा में कांग्रेस के 142 सांसद थे और आज जब मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ रही हूं उस समय लोकसभा में 44 सांसद हैं।
यह पोस्ट इसलिए क्योंकि आलोक मेहता, एनके सिंह, जावेद अंसारी सरीखे कई मीडियाई मठाधीशों को न्यूजचैनलों पर सोनिया गांधी के 19 वर्षीय कार्यकाल का गुणगान भांड़ो की तरह करते देखा।
कांग्रेस को उसके सबसे बड़े नेताओं की सबसे लम्बी कतार देनेवाले उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को बहुत निकट से बहुत लम्बे समय(लगभग ढाई दशकों) तक देखा है।
अतः आज दावे के साथ कह सकता हूं कि पिछले 12-15 वर्षों में सांगठनिक रूप से उत्तरप्रदेश में कांग्रेस लगभग खत्म हो चुकी है। मंझे हुए अनुभवी राजनीतिज्ञों के बजाय अत्यन्त स्तरहीन घटिया लोगों का जमावड़ा मात्र बन चुकी है उत्तरप्रदेश कांग्रेस। 15 वर्ष पूर्व तक जो NSUI और यूथ कांग्रेस उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की शक्ति का मुख्य स्त्रोत हुआ करते थे उनके कार्यालयों के दरवाजे अब हफ़्तों तक नहीं खुलते, वहां शमशानी सन्नाटा पसरा रहता है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लगभग डेढ़ महीने पहले उत्तरप्रदेश कांग्रेस कार्यालय के एक कर्मचारी से मैंने जब यह पूछा कि आजकल यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष कौन है तो उसको एक मिनट सोंचना पड़ा फिर वो बोला कि फलाने महाशय यहां मध्य ज़ोन के अध्यक्ष हैं। मैं आज वह नाम भी भूल चुका हूं क्योंकि निष्क्रियता की कोई पहचान नहीं होती।
...तो सोनिया गांधी के गृहप्रदेश में कांग्रेस की यह जर्जर दयनीय सांगठनिक स्थिति बता रही है कि शेष देश मे क्या हाल होगा।
यही कारण है कि कभी लोकसभा में 425 सीटों वाली कांग्रेस को आज लोकसभा में मात्र 44 सीटों पर पहुंचा कर तथा उत्तरप्रदेश विधानसभा में विधायकों की सँख्या मात्र 7 तक पहुंचा कर सोनिया गांधी अध्यक्ष पद से विदा हुई हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के कार्यकाल का सर्वाधिक महत्वपूर्ण एक पक्ष यह भी है।
Saturday, December 16, 2017
सोनिया गांधी यह बताना क्यों भूल गईं.?
ख़बरों की दुनिया की तंग पगडंडियों, संकरे अँधेरे रास्तों तथा चकाचौंध राजमार्गों से साक्षात्कार करती सक्रिय पत्रकारिता की लगभग ढाई दशक लम्बी यात्रा के पश्चात् अब स्वतन्त्र लेखन के पड़ाव पर हूं.
राष्ट्रवादी दृष्टिकोण वाली मेरी लेखनी का एकमात्र उद्देश्य "जनहित की बात, राष्ट्रहित के साथ" करना है.
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