Saturday, October 8, 2016

कांग्रेस ने देश के स्मृतिकोष को क्या दीवालिया या कंगाल समझ लिया है.? (Part-1)

कांग्रेस को यह याद कराना  आवश्यक है कि उकी यूपीए-2 सरकार ने कांधार में 166 नागरिकों की प्राणरक्षा के दायित्व निर्वहन सरीखी किसी अनिवार्य अपरिहार्य विवशता के कारण शाहिद लतीफ़ समेत 25 दुर्दांत आतंकवादियों को रिहा नहीं किया था. इसके बजाय यूपीए की सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने, दोस्ती बढ़ाने की अपनी बेचैनी बेसब्री के कारण शाहिद लतीफ़ और 25 अन्य हत्यारे पाकिस्तानी आतंकियों पर यह देशघाती सरकारी मेहरबानी की थी.....

कल शुक्रवार को अपने नेता राहुल गाँधी का वकील बनकर राहुल का बचाव करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता और यूपीए सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री रहे कपिल सिब्बल मैदान में उतरे थे
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने भाजपा पर देश की सुरक्षा के साथ घातक समझौता करने के गम्भीर आरोप भी जड़े थे. इसके लिए कपिल सिब्बल ने सहारा लिया था जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अज़हर के नाम का. उनका कहना था कि, कांधार में जिन 3 आतंकवादियों को छोड़ा गया था उनमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अज़हर भी था. उन्होंने भाजपा को जैश-ए-मोहम्मद को जन्म देने की गुनाहगार भी बताया था.. इसके लिए भाजपा पर आगबबूला होने के अपने सियासी पाखण्ड का शातिर प्रदर्शन करते हुए कपिल सिब्बल ने दावा किया था कि यदि कांधार में मसूद अज़हर को ना छोड़ा गया होता तो देश में आज आतंकवादी हमले ना हो रहे होते.  
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपरोक्त बातें करते समय कपिल सिब्बल सम्भवतः भयंकर स्मृतिलोप का शिकार हो चुके थे ... 
या फिर उन्होंने इस देश के स्मृतिकोष को पूरी तरह से कंगाल और दीवालिया समझने की भारी भूल कर दी थी.
कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते समय कपिल सिब्बल को पता नहीं क्यों यह याद नहीं रहा कि इसी वर्ष जनवरी में भारतीय वायुसेना की पश्चिमी कमान के पठानकोट स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर हुए जिस आतंकी हमले में सेना और वायुसेना के सात जवान शहीद हो गए थे उस आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सरगना जैश ए मोहम्मद का वही शाहिद लतीफ़ था जिसे यूपीए-2 की उस सरकार ने 2010 में भारत की जेल से रिहा करके पाकिस्तान भेज दिया था.जिस सरकार में खुद कपिल सिब्बल भी कैबिनेट मंत्री थे.
इस सन्दर्भ में कपिल सिब्बल भले ही स्मृतिलोप का शिकार हों किन्तु देश यह नहीं भूला है कि उनकी यूपीए-2 सरकार ने केवल शाहिद लतीफ़ को ही रिहा नहीं किया था. उसके साथ साथ 25 दुर्दांत आतंकवादियों को भी यूपीए-2 की सरकार ने रिहा करके पाकिस्तान भेज दिया था. ये सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल-मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे.
कपिल सिब्बल को यदि याद ना हो तो उन्हें यह याद कराना भी आवश्यक है कि उनकी यूपीए-2 सरकार ने कांधार में 166 नागरिकों की प्राणरक्षा के दायित्व निर्वहन सरीखी किसी अनिवार्य अपरिहार्य विवशता के कारण शाहिद लतीफ़ समेत 25 दुर्दांत आतंकवादियों को रिहा नहीं किया था. इसके बजाय यूपीए की सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने, दोस्ती बढ़ाने की अपनी बेचैनी बेसब्री के कारण शाहिद लतीफ़ और 25 अन्य पाकिस्तानी हत्यारे आतंकियों पर यह देशघाती सरकारी मेहरबानी की थी.
शाहिद लतीफ़ समेत लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल-मुजाहिदीन से जुड़े हुए उन 25 दुर्दांत आतंकियों पर यूपीए-2 सरकार द्वारा की गयी उनकी रिहाई की मेहरबानी की यह पूरी खबर इस लिंक पर जाकर आप भी पढ़ सकते हैं.

कपिल सिब्बल से देश यह भी जानना चाहता है कि कल की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर का जिक्र बार बार करते समय कपिल सिब्बल ने यह क्यों नहीं बताया कि, "आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर कभी कांग्रेस का दायां हाथ हुआ करता था." कपिल सिब्बल को यदि ज्ञात नहीं हो तो यह जान लें कि यह खबर 1 मई 2012 को हिंदी के सबसे बड़े अख़बार दैनिक भास्कर ने अत्यंत विस्तृत रूप में छापी थी. जम्मू कश्मीर पुलिस और ख़ुफ़िया सरकारी रिपोर्टों के दस्तावेजों में दर्ज सूचनाओं के आधार पर अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों एड्रियन लेवी और कैथी स्कॉट-क्लार्क की दस्तावेज़ी रिपोर्ट वाली यह खबर बहुत विस्तार से बताती है कि कांग्रेस पार्टी का कितना करीबी और विश्वसनीय था पाकिस्तानी आतंकवादी सरगना मौलाना मसूद अजहर. कांग्रेस द्वारा उसको सौंपे गए कामों को अंजाम देने के लिए वह दूसरों की ही नहीं खुद अपनी जान पर भी खेल जाता था.
यहाँ यह उल्लेख आवश्यक है कि इस खबर में जिस आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर का जिक्र है वो कोई और नहीं बल्कि वही मौलाना मसूद अजहर है जिसका नाम ले लेकर कपिल सिब्बल कल अपनी पत्रकार वार्ता में भाजपा पर आगबबूला होने के अपने सियासी पाखण्ड का प्रदर्शन जोरशोर से करते हुए दिखाई दिए थे.
कपिल सिब्बल की कल की बातों में कितना दम था.? इसका जवाब आज से साढ़े 4 साल पहले छपी यह खबर स्वयम दे देती है.

यह पूरी खबर आप इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं.
( http://www.bhaskar.com/news/NAT-congress-had-hand-with-maulana-masood-azhar-3195836.html )





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