Tuesday, February 27, 2018

कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है। PART_1

आज दिल्ली के सेठ द्वारका दास ज्वैलर्स के खिलाफ
389 करोड़ की बैंक जालसाज़ी का केस दर्ज कर शुरू की गई CBI कार्रवाई के साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी बुरी तरह बिफर गया। नरेन्द्र मोदी को इस बैंक घोटाले का जिम्मेदार बता डाला, और उनपर अनेक अनापशनाप आरोपों की गजब बौछार करते हुए राहुल गांधी ने यह सियासी फतवा तक जारी कर दिया कि मोदी सरकार में रोज बैंक घोटाले हो रहे हैं।
क्योंकि शब्दों और भाषा की मर्यादा के बन्धनों के कारण विवश हूं इसलिए राहुल गांधी के उपरोक्त आरोपों/टिप्पणियों को केवल #निर्लज्जता #धूर्तता मात्र लिख कर परिभाषित कर रहा हूं। वास्तविकता में तो ऐसे आचरण के मायने निर्लज्जता और धूर्तता के मायने से कोसों आगे होते हैं।
अब जानिए कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं.? आज जिस सेठ द्वारका दास ज्वैलर्स के खिलाफ 389 करोड़ के बैंक घपले की कार्रवाई CBI द्वारा शुरू की गयी है। वह घपला यह है कि वर्ष 2007 से वर्ष 2012 के बीच सेठ द्वारका दास ज्वैलर्स को बिना किसी जमानत के 389 करोड़ का कर्ज OBC बैंक ने दे दिया था।
389 करोड़ कर्ज़ की यह रकम 5 वर्षों के दौरान ली गयी। मतलब यह कि सेठ द्वारकादास पिछला कर्ज़ चुका नहीं रहा था लेकिन बैंक उसे बिना जमानत और ज्यादा कर्ज़ देता जा रहा था। RBI की 90 दिन समयावधि की गाइडलाइंस के अनुसार सेठ द्वारकादास के खिलाफ NPA की कार्रवाई तो 2007 या फिर 2008 में ही शुरू हो जानी चाहिए थी, जो 2014 तक चले यूपीए शासन के दौरान कभी हुई ही नहीं। सेठ द्वारकादास पर बैंक की यह सरकारी कृपा क्यों और किसकी सिफारिश पर हुई थी.?
राहुल गांधी क्या देश को यह बताएगा कि कांग्रेसी यूपीए के शासनकाल में एक सरकारी बैंक ने सेठ द्वारकादास ज्वैलर्स पर यह मेहरबानी क्या नरेन्द्र मोदी के कहने पर, नरेन्द्र मोदी की सिफारिश पर की थी.?
कांग्रेसी यूपीए शासन के दौरान 2007 से 2014 तक बैंक से कर्ज ली गयी रकम हवालाबाजी के जरिये दुबई पहुंचाने वाले सेठ द्वारकादास  ज्वैलर्स के खिलाफ उस समय कार्रवाई कर उसको रोकने की जिम्मेदारी कांग्रेसी यूपीए सरकार की थी.? या गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की.?
उपरोक्त तथ्यों को पढ़ने जानने के बाद अब यह फैसला आप करें कि...
कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है या नहीं.?
कल इस पोस्ट के #PART_2 में ऐसा ही एक और उदाहरण।
सेठ द्वारकादास बैंक घोटाले की तिथिवार विस्तृत जानकारी की खबर का लिंक पहले कमेन्ट में।
24/2

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