Tuesday, February 27, 2018

कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है। PART_3

वर्ष 2012, यानि कांग्रेसी यूपीए का शासनकाल। इसी वर्ष 2012 की शुरुआत में जतिन मेहता ने यूपीए शासनकाल के दौरान प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के 13 बैंकों से 7 हजार करोड़ रुपये कर्ज के रूप में लिये, जबकि इसके एवज में उसने कोई भी ठोस संपत्ति एक्सचेंज के रूप में ऑफर नहीं की। पनामा पेपर्स के मुताबिक जतिन मेहता ने बैंकों से कर्ज ली गई राशि को बहामास में निवेश किया है।
मोदी सरकार आने के बाद कर्ज़ वसूली के लिए जब जतिन मेहता की तलाश शुरू हुई तो पता चला कि 2012 से ही भारत में उसका कोई अता पता नहीं है। बैंकों के लगभग 7000 करोड़ रूपये हड़प चुका जतिन मेहता तो 2012 (कांग्रेसी यूपीए के शासनकाल) में ही भारत छोड़कर भाग गया था और उसने 2013 में ही अपनी पत्नी समेत उस सेंट किट्स देश की नागरिकता ग्रहण कर ली थी, जिसके साथ भारत की किसी भी तरह की कोई प्रत्यर्पण सन्धि नहीं है। अर्थात उसको वहां से भारत नहीं लाया जा सकता। भारत के बैंकों से लूटी गयी रकम उसने 2012 और 2013 में ही टेक्स हैवन कहे जाने वाले बहामास में ट्रांसफर कर ली थी। आजकल सेंट किट्स के नागरिक के रूप में जतिन मेहता और उसकी पत्नी दुबई को अपना ठिकाना बनाये हुए हैं(पूरी खबर का लिंक ( https://aajtak.intoday.in/story/winsome-promoter-jatin-mehta-did-scam-through-pnb-is-adani-relative-tst-1-984451.html) भारतीय बैंकों से लूटी गई रकम से वहां चोखा धन्धा कर रहे हैं। भारतीय एजेंसियां उसके खिलाफ कुछ नहीं कर सकतीं।
भारत मे उसकी ऐसी कोई विशेष सम्पत्ति अब शेष नहीं है जिसे जब्त कर 7000 करोड़ वसूले जा सकें। जब्ती की कार्रवाई में उसकी केवल 172 करोड़ की सम्पत्ति एजेंसियों के हाथ लगी है।
2012 में बैंकों से 7 हज़ार करोड़ का कर्ज लेकर 2012 में ही देश से भाग जाने का घटनाक्रम इसबात की गवाही देता है कि जतिन मेहता ने बैंकों का पैसा लूटने के लिए ही कर्ज़ लिया था।

ज्ञात रहे कि बैंकों का हज़ारों करोड़ का कर्ज लेकर फरार हुए उद्योपतियों का सच आजकल लगातार उजागर होने के साथ ही राहुल गांधी ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित "जनधन लूट योजना" बताया है।
वास्तव में ऐसी घटनाएं सरकारी संरक्षण और समर्थन और सहयोग से हुई #जनधन की सनसनीखेज लूट ही हैं। हमको आपको सबको यह जानना बहुत जरूरी है कि जनधन की यह सनसनीखेज लूट किस सरकार के संरक्षण समर्थन और सहयोग से अंजाम दी गयी.?
#PART_1 में सेठ द्वारकादास ज्वैलर्स तथा #PART_2 में एल.राजगोपाल द्वारा हड़पे गए बैंक के 36 हज़ार करोड़ की कहानी पढ़ने के पश्चात आज इस #PART_3 में बैंकों का 7 हज़ार करोड़ रूपया लूटने वाले उद्योगपति जतिन मेहता की कहानी भी आपने पढ़ ली।

अतः राहुल गांधी और कांग्रेसी फौज को हमसे, आपसे पूरे देश से बताना चाहिए कि...
👉 ऐसे जालसाज़ लुटेरे जतिन मेहता द्वारा कांग्रेसी यूपीए के शासनकाल में 2012 में की गयी 7 हज़ार करोड़ रूपयों के जनधन की यह सनसनीखेज बैंक लूट को मई 2014 में सत्ता में आयी मोदी सरकार ने अपना संरक्षण समर्थन और सहयोग दिया था या तत्कालीन कांग्रेसी यूपीए की सरकार ने.?

👉2012 (कांग्रेसी यूपीए के शासनकाल) में जतिन मेहता से बिना किसी ठोस सम्पत्ति की जमानत लिए हुए ही जतिन मेहता को हज़ारों करोड़ का कर्ज देने का आदेश सरकारी बैंकों को किसने दिया था.?
👉क्या👆यह आदेश गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया था.?
2012-13 (कांग्रेसी यूपीए के शासनकाल) में जतिन मेहता को सरकारी बैंकों का 7000 करोड़ लूटकर, लूटी गयी रकम बहामास पहुंचा कर भारत से भाग जाने की छूट किसने दी थी.?
👉क्या उसे यह👆छूट गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी थी.?

यह👆सवाल बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार का प्रतीक और पुतला कांग्रेसी यूपीए सरकार थी या वर्तमान मोदी सरकार है.?
अतः उपरोक्त👆तथ्यों को पढ़ने जानने के बाद अब यह फैसला आप करें कि...
कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है या नहीं.?
कल इस पोस्ट के #PART_4 में ऐसा ही एक और सनसनीखेज उदाहरण।
26/2

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