Tuesday, February 27, 2018

कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है। PART_4

सरकार के संरक्षण में स्वर्ण तस्करी की सनसनीखेज कहानी।

2011 में यूपी के गन्ना किसानों के नाम पर 200 करोड़ के बैंक घोटाले में पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद के नामजद होने की खबर से तो सारा देश परिचित हो चुका है।

3 दिन पूर्व वो सिफारिशी चिट्ठी भी देश के सामने उजागर हो चुकी है जो 16 मई 2014 को पी.चिदम्बरम ने तब लिखी थी जब चुनाव परिणाम आ चुके थे और यह तय हो गया था कि देश ने कांग्रेस को बहुत बेआबरू कर के सत्ता से बाहर कर दिया है और पी. चिदम्बरम को वैसी कोई चिट्ठी लिखने का नैतिक अधिकार ही नहीं है जिस चिट्ठी की सिफारिश पर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा दिए गए आदेश से मेहुल चौकसी ने सरकार की तत्कालीन 80:20 स्कीम के तहत 400 किलो सोना आयात कर लिया था।

कुछ दिनों पूर्व ही यह खबर भी देश के सामने उजागर हो ही चुकी है कि...
2012 में मेहुल चौकसी ने बिना कोई कस्टम एक्साइज और इम्पोर्ट ड्यूटी चुकाए हुए ही 1103 किलो सोना आयात कर लिया था। लेकिन यह खबर अधूरी नहीं थी। बल्कि यह खबर वास्तविक खबर का मात्र डेढ़ दो प्रतिशत ही थी। वास्तविक खबर तो बहुत सनसनीखेज है जिसे देश का 99% मीडिया देश से छुपा गया। 16 फरवरी को केवल Economic Times ने यह खबर विस्तार से छापी थी। (खबर का लिंक https://m.economictimes.com/news/politics-and-nation/absconder-mehul-choksi-in-its-gold-probe-since-2012/articleshow/62948598.cms )
ह खबर बता रही थी कि मुम्बई कस्टम्स द्वारा RTI के तहत मांगी गई एक जानकारी के जवाब में बताया गया था कि वर्ष 2012 में सोना और हीरा बेंचने वाली लगभग 3 दर्जन कम्पनियों ने बिना कोई कस्टम या इम्पोर्ट ड्यूटी चुकाए हुए 75 हज़ार 765 किलो सोने (लगभग 22हज़ार 717 करोड़ रू मूल्य) का आयात किया था।
इन कम्पनियों ने किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं चुकाया था। ध्यान रहे कि 2012 में सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी 8% थी। अतः देश को कम से कम लगभग 1800 करोड़ रू का चूना लगा था। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती है। क्योंकि उसी RTI से यह भी जानकारी मिली थी कि सोना आयात करनेवाली यह कम्पनियां रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज और महाराष्ट्र सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में रजिस्टर्ड ही नहीं थीं।
अतः बिना रजिस्टर्ड हुए यह सोना बिना कोई टैक्स चुकाए आयात करनेवाली इन कम्पनियों ने निश्चित रूप से यह सोना बिना कोई सेल्स टैक्स या वैट चुकाए हुए ही ब्लैक मार्केट में बेंचा होगा। ब्लैक मार्केट में नम्बर दो में हुई इस बिक्री से हुई आय भी बिना कोई इनकम टैक्स चुकाए हुए ही कालेधन के रूप में उन कम्पनियों के पास ही रही।
1800 करोड़ की इम्पोर्ट ड्यूटी के  साथ ही साथ लगभग 22 हज़ार 724 करोड़ के सोने की बिक्री पर सरकार को नहीं मिले वैट और इनकम टैक्स की राशि यदि जोड़ ली जाए तो मामला हज़ारों करोड़ की टैक्स चोरी का नहीं बल्कि हज़ारों करोड़ की टैक्स लूट का हो जाएगा। कयोंकि यह टैक्स लूट चोरी छुपे नहीं हुई थी। जब मुम्बई कस्टम्स के रिकॉर्ड में यह जानकारी है तो इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि सरकार की जानकारी में ही देश को चूना लगाने का यह पूरा खेल हुआ था।
क्योंकि उसी RTI में पूछे गए इस सवाल कि उन तीन दर्जन कम्पनियों को बिना कोई ड्यूटी चुकाए सोना क्यों ले जाने दिया गया, किस के आदेश पर ले जाने दिया गया.? का कोई जवाब देने के बजाय मुम्बई कस्टम्स ने चुप्पी साधे रखी है। लेकिन यह जाहिर सी बात है कि 22 हज़ार 724 करोड़ मूल्य का 75हज़ार 765 किलो सोना बिना किसी ड्यूटी के ले जाने देने का आदेश देने की हैसियत या हिम्मत किसी कस्टम अधिकारी की नहीं हो सकती।
सही बात तो यह है कि किसी प्रकार की कोई ड्यूटी चुकाए बिना किया गया 75हज़ार 765 किलो सोने का उपरोक्त आयात सरेआम की गयी ऐसी स्वर्ण तस्करी थी जिसे सरकारी संरक्षण में अंजाम दिया गया था।
अतः अतः नीरव मोदी, मेहुल चौकसी के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आजकल भ्रष्टाचार का प्रतीक और पुतला बता रहे राहुल गांधी और पूरी कांग्रेसी फौज को देश को यह बताना चाहिए कि...
👉 मुम्बई कस्टम्स ने 75हज़ार 765 किलो सोने की तस्करी की छूट उन तीन दर्जन कम्पनियों को किस के कहने पर दी थी.?
👉मुम्बई कस्टम्स ने यदि यह छूट कांग्रेसी यूपीए सरकार के किसी दिग्गज मंत्री या मंत्रियों के आदेश के बगैर दी थी तो कांग्रेसी यूपीए की सरकार ने मुम्बई कस्टम्स के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की थी.?
👉क्या 2012(कांग्रेस यूपीए के शासनकाल) में सरेआम हुई 75हज़ार 765 किलो सोने की इस स्वर्ण तस्करी के लिए गुजरात का तत्कालीन मुख्यमंत्री जिम्मेदार था.?
👉क्या मई 2014 में मेहुल चौकसी को 400 किलो सोना आयात करने की सिफारिश चिट्ठी और आदेश पी. चिदम्बरम और रघुराम राजन की जोड़ी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर दिया था.?
👉2011 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद को यूपी के गन्ना किसानों के नाम पर बैंकों से 200 करोड़ की ठगी करने की छूट और प्रेरणा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी थी.?

यह👆सवाल बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार का प्रतीक और पुतला कांग्रेसी यूपीए सरकार थी या वर्तमान मोदी सरकार है.?
अतः देश को आज किसी राहुल गांधी के किसी कांग्रेसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

अतः उपरोक्त👆तथ्यों को पढ़ने जानने के बाद अब यह फैसला आप करें कि...
कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है या नहीं.?
कल इस पोस्ट के #PART_5 में ऐसा ही एक और उदाहरण।

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