Tuesday, January 9, 2018

अशोक चव्हाण के ससुर किस युद्ध में शहीद हुए थे.?

2G घोटाला फैसला और लालू की जेलयात्रा की चर्चा में यह सवाल कुछ समय के लिए दब गया था। लेकिन अब दब नहीं पायेगा।
बम्बई हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है कि आदर्श घोटाले में राज्यपाल की अनुमति के बावजूद CBI अशोक चव्हाण की ना तो जांच करेगी ना ही उनके खिलाफ मुकदमा चलाएगी।
दरअसल बम्बई हाईकोर्ट के अनुसार चव्हाण के खिलाफ ऐसे कोई सबूत ही नहीं हैं जिसके आधार पर उनके खिलाफ जांच और मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए।
इस फैसले में अज़ब-गज़ब मोड़ तो यह है कि जनवरी 2014 में सत्र अदालत ने सीबीआई के अनुरोध पर बतौर आरोपी अशोक चव्हाण का नाम मुकदमे से हटाने से इनकार किया था। मार्च 2015 में इसी बम्बई उच्च न्यायालय ने भी मुकदमे से नाम हटाने का अनुरोध करने वाली अशोक चव्हाण की याचिका को खारिज किया था।
लेकिन अब पता नहीं उसे कौन सा नया सबूत चाहिए.? क्योंकि आदर्श घोटाले की न्यायिक जांच करनेवाले जस्टिस जेए पाटिल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय न्यायिक आयोग की जांच के बाद यह 4 तथ्य तो पूरी दुनिया के सामने उजागर हो चुके है कि...
1 मुम्बई में आदर्श हाउसिंग सोसायटी नाम की एक बिल्डिंग है।
2 यह बिल्डिंग युद्ध मे शहीद सेना के जवानों की विधवाओं/परिजनों को फ्लैट देने के लिए ही बनी थी।
3 लेकिन इस बिल्डिंग में अशोक चव्हाण की सास के नाम भी तीन फ्लैट आबंटित हैं।
4 अशोक चव्हाण के ससुर ना तो सैनिक थे ना ही किसी युद्ध मे शहीद हुए थे।
अतः जांच और मुकदमा चलाने के लिए क्या और कौन सा अतिरिक्त सबूत चाहिए।
इस फेसले को न्याय की जीत बताकर दिल्ली से मुम्बई तक भांगड़ा कर रहे कांग्रेसी फौज के मुखिया राहुल गांधी को देश से यह बताना चाहिए कि अशोक चव्हाण के ससुर किस युद्ध मे देश के लिए शहीद हुए थे.?
24/12/2017

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