Tuesday, February 27, 2018

कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है। PART_2

जरा याद करिए 13 फरवरी 2014 का वो दिन जब कांग्रेस सांसद एल. राजगोपाल ने संसद में स्प्रे से मिर्च पाऊडर उड़ाकर सनसनी फैला दी थी। उसकी इस करतूत से तत्कालीन यूपीए सरकार के राज्यमंत्री बलराम नायक तथा तीन अन्य सांसद घायल होकर अस्पताल पहुंच गए थे। दरअसल उस दिन संसद के भीतर स्प्रे से मिर्च पाऊडर उड़ाकर देश की संसद की आंखों में मिर्च झोंकने की कोशिश करनेवाला वह कांग्रेसी सांसद 13 फरवरी 2014 के उस दिन से पहले तक देश की तत्कालीन यूपीए सरकार के संरक्षण में देश की आंखों में मिर्ची झोंक कर देश को 36 हज़ार करोड़ रू का चूना लगा चुका था। जानिए कैसे...
2009 में आंध्रप्रदेश की विजयवाड़ा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद सदस्य बना एल. राजगोपाल पूर्व कांग्रेसी सांसद पी. उपेन्द्र का दामाद भी है और अपने भाई एल.मधुसूदन राव के साथ साझेदारी में "लैंको इंफ्राटेक लिमिटेड" नाम की कम्पनी का मालिक भी है। वित्तीय वर्ष 2006 की समाप्ति पर उसकी कम्पनी "लैंको इंफ्राटेक लिमिटेड" पर 139 करोड़ रूपये का कर्ज था। और उसकी कम्पनी की Net Worth (कुल मूल्य) 95 करोड़ रुपये ही थी। तथा कुल चल अचल सम्पत्ति लगभग 396 करोड़ रुपये थी। 
2006 से 2014 के मध्य, 8 वर्ष की अवधि में कांग्रेसी सांसद एल. राजगोपाल की कम्पनी "लैंको इंफ्राटेक लिमिटेड" पर सरकारी बैंकों के कर्ज की ऐसी कृपा बरसी की वित्तीय वर्ष 2013-14 की समाप्ति पर "लैंको इंफ्राटेक लिमिटेड" पर 36 हज़ार 705 करोड़ रूपये का कर्ज़ चढ़ चुका था। जबकि मार्च 2014 में उसकी Net Worth (कुल मूल्य) मात्र 1457 करोड़ रूपये थी। लेकिन कुल चल अचल संपत्ति 396 करोड़ से बढ़कर 50 हज़ार 633 करोड़ हो गयी थी।
मार्च 2014 से मार्च 2017 के बीच लैंको इंफ्राटेक द्वारा कर्ज़ का ब्याज भी नहीं चुकाए जाने के कारण उसका कर्ज़ बढ़कर 47 हज़ार 910 करोड़रूपये हो चुका है। कम्पनी की Net Worth (कुल मूल्य) शून्य से भी नीचे जाकर ऋणात्मक हो गयी है और (-)2074 करोड़ हो चुकी है। अर्थात बैंकों के कर्ज समेत उसकी देनदारियां उसकी कुल चल अचल संपत्ति 55 हज़ार करोड़ से भी 2074 करोड़ रू अधिक हो चुकी है। कम्पनी अब दीवालिया घोषित होने की कगार पर है। दिसम्बर 2017 से यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है(खबर का लिंक https://m.jagran.com/business/biz-lanco-infratech-is-first-to-face-bankruptcy-action-16231054.html ) इसका सीधा अर्थ यह है कि बैंकों का पैसा डूबने का खतरा उतपन्न हो गया है। यह स्थिति आज नहीं हुई है। मई 2014 में यूपीए की सत्ता से विदाई के साथ ही वित्तीय वर्ष 2014-15 की समाप्ति पर मार्च 2015 में कांग्रेसी सांसद  एल.राजगोपाल की कम्पनी "लैंको इंफ्राटेक लिमिटेड" की Net Worth (कुल मूल्य) घटकर ऋणात्मक हो चुकी थी और (-)447 करोड़ रुपये हो गयी थी। यह स्थिति बताती है कि कांग्रेसी सांसद एल.राजगोपाल की कम्पनी लैंको इंफ्राटेक बैंकों से कर्ज लेकर उसे चुकाने के बजाय उस पैसे से सम्पत्तियां खरीद रही थी। मार्च 2014 तक बैंकों का 36 हज़ार करोड़ रूपए से अधिक हजम कर चुकी कांग्रेसी सांसद की कम्पनी की Net Worth केंद्र में मोदी सरकार के आते ही ऋणात्मक कैसे हो गयी.?
उसने मार्च 2006 से मार्च 2014 के बीच बैंकों का कर्ज तो नहीं चुकाया और कर्ज 139 करोड़ से बढ़कर 36 हज़ार करोड़ हो गया। उल्लेखनीय यह है कि लैंको इंफ्राटेक का कर्ज़ जितनी तेजी से बढ़ रहा था उससे ज्यादा तेजी से उसकी सम्पत्ति भी बढ़ रही थी। मतलब ये कि एल.राजगोपाल कांग्रेसी यूपीए के शासन में "कर्जा लेकर घी पीने" की कहावत चरितार्थ कर रहा था।
ध्यान रहे कि मामा भांजे की जोड़ी मेहुल चौकसी, नीरव मोदी द्वारा बैंकों का लगभग 11 हज़ार करोड़ का कर्ज़ नहीं चुकाए जाने पर उनकी लगभग 8 हज़ार करोड़ की सम्पत्ति अबतक जब्त कर चुकी है मोदीं सरकार और तूफानी गति से दोनों की सम्पत्ति की जब्ती की उसकी कार्रवाई अभी जारी है जो 11 हज़ार करोड़ के पार बहुत जल्दी पहुंच जाएगी।
अतः नीरव मोदी, मेहुल चौकसी के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आजकल भ्रष्टाचार का प्रतीक और पुतला बता रहे राहुल गांधी और पूरी कांग्रेसी फौज को देश को यह बताना चाहिए कि 2006 में मात्र 95 करोड़ की हैसियत वाली कांग्रेसी सांसद की कम्पनी लैंको इंफ्राटेक को सरकारी बैंकों ने औसतन साढ़े 4 हज़ार करोड़ रूपये प्रतिवर्ष की रफ्तार से कर्ज क्यों दिया था.? किस के कहने पर दिया था.? किस की सिफारिश पर दिया था.?
क्या कांग्रेसी यूपीए के शासन में सरकारी बैंक नियमों कानूनों की धज्जियां उड़ाकर एक कांग्रेसी सांसद को प्रतिवर्ष हज़ारों करोड़ का कर्ज़ गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर दे रहे थे.?
मार्च 2006 से मार्च 2014 तक 135 करोड़ से बढ़कर 36 हज़ार करोड़ तक पहुंचे लैंको इंफ्राटेक के कर्ज की वसूली के लिए कांग्रेसी यूपीए की सरकार ने क्या किया था.?
यहां उल्लेख आवश्यक है कि केन्द्र में मोदी सरकार बनते ही लैंको इंफ्राटेक पर कर्ज चुकाने के दबाव इतना बढ़ा दिया गया था कि कर्ज़ चुकाने के लिए उसको अपनी सम्पत्तियां बेंचने को विवश होना पड़ा है(खबर का लिंक http://www.livemint.com/Companies/V1O2MhwS3A1RyoQuemnLLM/Lanco-Infratech-eyes-Rs25000-crore-by-selling-assets-from-F.html ) अतः देश को आज किसी राहुल गांधी के किसी कांग्रेसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं क्योंकि यह👆सवाल बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार का प्रतीक और पुतला कांग्रेसी यूपीए सरकार थी या वर्तमान मोदी सरकार है.?

अतः उपरोक्त👆तथ्यों को पढ़ने जानने के बाद अब यह फैसला आप करें कि...
कांग्रेसी निर्लज्जता धूर्तता बेमिसाल है या नहीं.?
कल इस पोस्ट के #PART_3 में ऐसा ही एक और उदाहरण।
25/2

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