Friday, November 4, 2016

राहुल गाँधी और कांग्रेस एक घोटालेबाज-जालसाज की तुलना अमर शहीद भगत सिंह और भारतीय सेना के शहीद सैनिकों से क्यों कर रहे हैं.?

जनता के हिस्से की सरकारी धनराशि की जालसाज़ी घोटाला करने वाले एक जालसाज़ की तुलना अमर शहीद भगत सिंह तथा देश के लिए शहीद होनेवाले मनदीप सिंह सरीखे भारतीय सेना के अमर शहीद सैनिकों से करके राहुल गांधी और उनकी कांग्रेसी फौज ने अपने क्षुद्र राजनीतिक हथकण्डों के लिए अमर शहीद भगत सिंह तथा भारतीय सेना के शहीद सैनिकों की शहादत को अपमानित लांक्षित करने का घृणित कुकृत्य किया है

...जरा जानिये उस भूतपूर्व सैनिक राम किशन के बारे में जिसे राहुल गांधी शहीद बता रहे हैं और उत्तरप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष राज बब्बर जिसकी तुलना शहीद भगत सिंह से कर रहा है.
लीजिये आप भी परिचित होइए कांग्रेसी "भगत सिंह" के महान जीवन परिचय से...

1. रामकिशन 2004 में सेना से सेवानिवृत्त हो कर स्थानीय राजनीति में उतरे और कांग्रेस के नेताओं से अपनी नज़दीकियों की बदौलत सरपंच बने ।

2. 2004 से 2014 तक कांग्रेस शासन में उनकी पेंशन मात्र 13000 रूपये थी जो कि मोदी सरकार में OROP के लागू होने के बाद 28000 हो गयी थी किन्तु बैंक से सम्बन्धित दस्तावेजों में किसी गड़बड़ी के कारण रामकिशन को 23000 रू ही मिल रहे थे.

3. कांग्रेस से नजदीकी की बदौलत ही रामकिशन को फ़र्ज़ी दावों और दस्तावेजों के सहारे सन् 2005 और 2008 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत करवाया गया था, रामकिशन को यह पुरस्कार ODF (Open Defection Free) यानि गांव के हर घर में शौचालय बनवाने और खुले में शौच को पूर्ण रूप से बंद कराने के उसके दावे के कारण मिला ।
4. सन् 2015 में सरकार के पास एक शिकायत आयी कि रामकिशन द्वारा किये गए दावे झूठे हैं और ऐसे में उन से पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए।

5. इस शिकायत पर सरकार ने जब जांच की तो पाया कि रामकिशन के दावे के विपरीत गाँव के महज़ 15% घरों में ही शौचालय बनाये गए थे, जबकि रामकिशन का दावा 100% घरों में शौचालय बनाने का किया गया था जो कि सिर्फ कागज़ों पर ही था और जिस पर हरियाणा की तत्कालीन सरकार ने हकीकत होने की मुहर लगा दी थी.।

6. रामकिशन के खिलाफ जब जांच और आगे बढ़ी थी तो पाया गया कि रामकिशन द्वारा फ़र्ज़ी बिलों का भुगतान किया गया है, इस पर सन् 2016 में सरकार ने रामकिशन को आरोपी बनाया था ।

7. रामकिशन अब सरकार को गुमराह करने, सरकारी खजाने को नुकसान पहुचाने, धोखाधड़ी करने, कूट रचित दस्तावेज़ तैयार करने के आरोपी बन चुके थे, ऐसे में उनका बचना लगभग असंभव था.?

8. रामकिशन ने ये घोटाला अकेले नहीं किया था बल्कि अपने कुछ प्रभावशाली राजनीतिक संरक्षकों और साथियों के साथ मिल कर रामकिशन ने इस घोटाले को अंजाम दिया था.

क्या भूतपूर्व सैनिक को जनता के हिस्से के सरकारी धनराशि की जालसाजी/घोटाला करने की छूट होती है.?
जनता के हिस्से की सरकारी धनराशि की जालसाज़ी घोटाला करने वाले एक जालसाज़ की तुलना अमर शहीद भगत सिंह तथा देश के लिए शहीद होनेवाले मनदीप सिंह सरीखे भारतीय सेना के अमर शहीद सैनिकों से करके राहुल गांधी और उनकी कांग्रेसी फौज ने अपने क्षुद्र राजनीतिक हथकण्डों के लिए अमर शहीद भगत सिंह तथा भारतीय सेना के शहीद सैनिकों की शहादत को अपमानित लांक्षित करने का जो घृणित कुकृत्य किया है उसके लिए देश और उन अमर शहीदों के परिजनों से माफ़ी मांगेंगे राहुल गाँधी और उनकी कांग्रेस.?

अतः जिन और जैसे हालातों में रामकिशन की आत्महत्या हुई है उसके चलते संदेह की यह सुई स्वतः ही उस दिशा की तरफ संकेत करती है कि, रामकिशन के उन प्रभावशाली समर्थकों साथियों को यह लगा हो कि अब हम सब फंस जायेंगे तो उन्होंने रामकिशन को ये आईडिया सुझाया हो कि तुम ज़हर खाने का नाटक करो, हम सब तुम्हे बचा लेंगे लेकिन ऐसा किया नहीं गया.
अतः अब यह जांच होनी चाहिये कि कौन थे वो लोग जो रामकिशन के साथ थे और फ़ोन पर पीछे से रामकिशन को बता रहे थे कि उसको क्या बोलना है ? वो लोग किस राजनैतिक पार्टी के सदस्य या नेता है ? क्या वो सब भी रामकिशन द्वारा किये गए घोटाले में शामिल थे ?
क्या रामकिशन की हत्या में बड़े राजनेता भी शामिल हैं ?
क्या उन्हीं बड़े राजनेताओं ने अपना नाम बचाने के लिए रामकिशन की बलि दे दी.?

No comments:

Post a Comment