Sunday, October 9, 2016

गम्भीर सवालों के कठघरे में "दि हिन्दू" अख़बार और कांग्रेसी चाटुकार पत्रकार.?

जो सैनिक  8 जनवरी  2013 को शहीद हुए और उनका गला काटा गया, उनकी शहादत और गला काटे जाने का बदला 16 महीने पहले ही 30 अगस्त 2011 को कैसे ले लिया गया था.?
क्या भारतीय सेना ने अपने उन दो जवानों की संभावित मृत्यु और सिर काट लिए जाने की घटना की संभावना के आधार पर 16 महीने पहले ही बदला ले लिया था और 8 पाकिस्तानी फौजियों को मौत के घाट उतारकर उनमें से 3 के सिर काट लिए थे.?
यह कुछ ऐसे गम्भीर सवाल हैं जिनका उत्तर दि हिन्दू अखबार और NDTV "आजतक" सरीखे न्यूजचैनलों के साथ ही साथ कांग्रेस को भी देना होगा



आज सवेरे दक्षिण भारत के अंग्रेजी अखबार "दि हिन्दू" ने एक सनसनीखेज खबर छापी है. उसकी खबर के अनुसार भारतीय सेना के जांबाज़ कमांडों की एक टीम ने 30 अगस्त 2011 की रात LOC पार कर पाकिस्तान में घुसकर हमला किया था और 8 पाकिस्तानी फौजियों को मौत के घाट उतार दिया था. अख़बार के अनुसार भारतीय कमांडों की टीम अपने हमले में मारे गए उन 8 पाकिस्तानी फौजियों में से तीन के सिर काटकर अपने साथ ले आयी. 
अख़बार के अनुसार भारतीय कमांडों की टीम ने तीन पाकिस्तानी फौजियों के सिर काटकर भारतीय सेना के उन 2 शहीद जवानों की मौत का बदला लिया था जिनके सिर पाकिस्तानी फौजी कुछ दिन पहले काटकर ले गए थे.
"दि हिन्दू" में अत्यंत सुनियोजित और प्रायोजित तरीके से प्रकाशित हुई इस खबर के साथ ही न्यूजचैनलों ने, विशेषकर NDTV और "आजतक" ने इस खबर के बहाने जबरदस्त शोर मचाना प्रारम्भ कर दिया था कि हाल ही में 29 सितम्बर 2016 को भारतीय सेना के कमांडोज़ की टीम द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक कोई पहली या उल्लेखनीय घटना नहीं है. इससे पहले की मनमोहन सरकार में भी सेना ऐसा करती रही है.
दरअसल इस पूरी खबर को फ़ैलाने के पीछे की मूल मंशा सेना की जयजयकार करना, या उसका मनोबल बढ़ाना नहीं था. इसके बजाय इस खबर का उद्देश्य मोदी सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की रक्षा से सम्बन्धित लिए गए एक अदम्य साहसी फैसले और उसको मिली अभूतपूर्व सफलता व सराहना की चमक पर धूल की परत बिछाना मात्र ही था. किन्तु अपने अंध "मोदी विरोध" के इस शातिर षड्यन्त्र के क्रियान्वयन में "दि हिन्दू" अखबार और कुछ न्यूजचैनलों,विशेषकर NDTV और "आजतक" से एक बड़ी भारी भूल हो गयी है जिसने उनकी इस खबर की धज्जियाँ बहुत बुरी तरह उड़ा दी हैं.
दरअसल "दि हिन्दू" अपनी खबर में LOC पार करके की गयी भारतीय सेना के कमांडोंज़ की कार्रवाई तथा उनके द्वारा तीन पाकिस्तानी फौजियों के सिर काटने का कारण भारतीय सेना के जिन 2 शहीद जवानों की मौत के प्रतिशोध को बता रहा है, उन 2 शहीद जवानों के सिर काटे जाने की घटना जुलाई या अगस्त 2011 में नहीं हुई थी.
यह घटना 8 जनवरी 2013 को घटित हुई थी. यानि कि "दि हिन्दू" द्वारा बताई जा रही तारीख के लगभग एक वर्ष चार माह बाद. इस खबर की पुष्टि आप इस लिंक पर जाकर कर सकते हैं
http://aajtak.intoday.in/story/indian-soldiers-did-not-behead-pakistani-troops-antony-says-1-720364.html
हद तो यह है कि उस समय यह समाचार पूरे देश के मीडिया समेत स्वयम NDTV और आजतक ने भी प्रसारित किया था. अतः यही वह बिंदु है जो "दि हिन्दू" की खबर और उस खबर के सहारे हुडदंग कर रहे NDTV "आजतक" सरीखे न्यूजचैनलों को संगीन सवालों के कठघरे में खड़ा कर रहा है.
बड़ी सामान्य सी बात है कि भारतीय सीमा में घुसकर पाकिस्तानी फौज ने जिन दो शहीद जवानों का सिर 8 जनवरी 2013 को काटा था उन जवानों की मौत तथा उनके सिर काटने की घटना का बदला लेने के लिए भारतीय सेना के कमांडोज़ ने लगभग 16 महीने पहले ही 30 अगस्त 2011 को LOC पार कर 8 पाकिस्तानी फौजियों को मार कर उनमें से तीन के सिर क्यों काट लिए थे.?
क्या भारतीय सेना को यह पहले से मालूम था कि 16 महीने बाद पाकिस्तानी फौजी उसके दो जवानों का सिर काट कर ले जाएंगे.?
क्या भारतीय सेना ने अपने उन दो जवानों की संभावित मृत्यु और सिर काट लिए जाने की घटना की संभावना के आधार पर 16 महीने पहले ही बदला ले लिया था और 8 पाकिस्तानी फौजियों को मौत के घाट उतारकर उनमें से 3 के सिर काट लिए थे.?
यह कुछ ऐसे गम्भीर सवाल हैं जिनका उत्तर दि हिन्दू अखबार और NDTV "आजतक" सरीखे न्यूजचैनलों के साथ ही साथ उस कांग्रेस को भी देना होगा जिसके नेताओं प्रवक्ताओं की फौज "दि हिन्दू" में प्रकाशित खबर के बाद से छाती ठोंक रही है, दावा कर रही है कि हमारी सरकार ने तो बदला ले ही लिया था लेकिन भाजपा की तरह हल्ला नहीं मचाया था.
अतः देश कांग्रेस से भी जानना चाह रहा है कि किसी घटना के घटने से 16 महीने पहले ही कांग्रेस सरकार ने उसका बदला क्यों और कैसे ले लिया था.
इन सवालों के जवाब में यदि "दि हिन्दू" की रिपोर्ट और कांग्रेस यह तर्क देंगे कि उनकी रिपोर्ट में जिन दो भारतीय सैनिकों का सिर काटे जाने का जिक्र है वो कोई और हैं तथा 8 जनवरी 2013 को जिन भारतीय सैनिकों का गला पाकिस्तानी फौजियों द्वारा काटा गया था उनसे उनका कोई लेनादेना नहीं है.

यदि "दि हिन्दू" की रिपोर्ट और कांग्रेस ने यह तर्क दिया तो उनकी नीति तथा नीयत और भी ज्यादा गंभीर सवालों के कठघरे में खड़े हो जायेंगे. क्योंकि LOC पार पाकिस्तान जाकर की गयी किसी छोटी-बड़ी कार्रवाई पर सरकार के रणनीतिक मौन की कांग्रेसी दुहाई यदि स्वीकार कर भी ली जाये तो जिन भारतीय सैनिकों का गला 2011 में पाकिस्तानी फौज द्वारा काटे जाने का उल्लेख "दि हिन्दू" की रिपोर्ट और कांग्रेसी दावों में किया जा रहा है, उन शहीदों की शहादत को देश और दुनिया से छुपाकर उनकी शहादत का अपमान क्यों किया था यूपीए की तत्कालीन सरकार ने.? क्योंकि देश को 8 जनवरी 2013 को "गलाकाट" पाकिस्तानी बर्बरता का शिकार बने दो शहीद सैनिकों के नाम ही ज्ञात हैं. पहला नाम लांस नायक शहीद हेमराज और दूसरा नाम लांसनायक शहीद सुधाकर सिंह का है.? इन दो शहीद सैनिकों के अतिरिक्त दो और जवानों का सिर भी पाकिस्तानी फौजी भारतीय सीमा में घुस के काट कर ले गए थे, यह सच तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश से क्यों छुपाया था.?
यह सवाल व स्थिति "दि हिन्दू" की शातिर सुनियोजीत रिपोर्ट तथा कुटिल कांग्रेसी दावों की धज्जियां बुरी तरह उड़ा रही है.

अंत में यह उल्लेख भी आवश्यक है कि 8 जनवरी 2013 को पाकिस्तानी फौजियों द्वारा 2 भारतीय सैनिकों के सिर काटे जाने की घटना के बाद भी बदले में भारतीय सैनिकों द्वारा पाकिस्तानी फौजियों के सिर काटे जाने की अटकलें देश में जब गर्म हुई थीं तो 30 जनवरी 2013 को भारतीय सेना ने तथा 31 जनवरी 2013 को देश के तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटोनी ने ऐसी किसी भी अटकल को जोरदार शब्दों में पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए पूरी तरह खारिज़ कर दिया था. ज्ञात रहे कि किसी देश की सेना व उसका रक्षामंत्री ऐसे अवसरों पर हां या ना कहने के बजाय चुप्पी तो साध लेते हैं किन्तु देश से झूठ नहीं बोलते हैं.


14 comments:

  1. ऐसा तो नही है कि 2011 में भी पाकिस्तान ने सर काटे हो और वह देश की जानकारी में नही लाया गया हो।

    ReplyDelete
  2. ऐसा तो नही है कि 2011 में भी पाकिस्तान ने सर काटे हो और वह देश की जानकारी में नही लाया गया हो।

    ReplyDelete
  3. Jo log BJP ko surgical strikes ka credit lene ke liye kos rahe hain, khoon ki dalali ki baat kar rahe hain wo khud 2011 ka credit lene ke liye mare ja rahe hain..ye to wohi baat ho gayi, muh me raam bagal me chhura

    ReplyDelete
  4. jhuth ka pulinda hai congress harami sab isi party me hai nahru muslim hokar pandit lagata tha firjkhan ki auld gandhi ban gai maa isai baap musalman neta hindu wahre congress desh ko loot kar maja nahi aaya to bhadwo ab seniko ki shahdat ko bechne nikle ho haramkhoro karnal DK Pathania kis aarop me abhi bhi jail me hai usko harami dogli manmohan sarkar ke samay aajiwan karawas kyo diya ye dalle kapilsibal harami nirupam chidambarm bateyenge dunia ko iska sach ya sab gunge ban gaye dogle deshdrohi kutte

    ReplyDelete
  5. Congress or kuch media house modi ki safalta se jalte he

    ReplyDelete
  6. ऐसा तो नही है कि 2011 में भी पाकिस्तान ने सर काटे हो और वह देश की जानकारी में नही लाया गया हो।

    ReplyDelete
  7. मोदीजी के ऊपर दवाब बना तो सर्जिकल स्ट्राइक करके और बताके जनता के गुस्से को ठंडा कर दिया लेकिन लोकसभा चुनाव में यही मोदीजी कांग्रेस के ऊपर सैनिकों की मौत को मुद्दे बनाकर हमले किये, सैनिकों के गर्दन कटने की भी बात कई मंचों से बोले .... लेकिन सोचने वाली बात है कि ऐसे समय में भी कांग्रेस ने मोदीजी को जवाब नहीं दिया कि हमने उसका बदला ले लिया है ...क्यों ?
    यहाँ तक कि मोदीजी ने सैनिकों की कटी गर्दन की बात बोल बोल के पूरा माहौल कांग्रेस के विरोध में बना दिया, कांग्रेस की सत्ता जाने का अंदेशा साफ़ होने लगा, सोनिया, दिग्गी, कपिल, मनीष, मनमोहन सब सत्ता से बाहर जाने वाले थे और फिर भी मोदीजी को जवाब देने के लिए नहीं बताया कि हमने पाकिस्तान को जवाब दे दिया है ? और आज ये सर्जिकल का झूठा किस्सा सुना रहे हैं. जबकि स्वयं सेना के पूर्व DGMO ने कांग्रेस शासन काल में किसी भी तरह के सर्जिकल स्ट्राइक ना होने की बात कही है.

    ReplyDelete
  8. on 30 july 2011,The attackers returned with the heads of Havildar Jaipal Singh Adhikari and Lance Naik Devender Singh of 20 Kumaon. A soldier of the 19 Rajput, who reported the attack, died in a hospital.

    Read more at:
    http://economictimes.indiatimes.com/artic.../54766482.cms...
    When Indian Army killed 8 Pakistanis in 2011 surgical strike - The Economic Times
    economictimes.indiatimes.com

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रशांत त्रिपाठी जी जो लिंक आपने दिया है वो तीन दिन पुराना, दि हिन्दू अख़बार की रिपोर्ट का दोहराव मात्र है.
      मेरा प्रश्न ही यही है कि 2011 में किन्हीं भी सैनिकों के सिर पाकिस्तानी फौज द्वारा यदि काटे गए थे तो वो खबर देश से उस समय छुपाई क्यों गयी.
      और यदि नहीं छुपाई गयी थी तो देश के तत्कालीन रक्षामंत्री, रक्षा सचिव, सेनाध्यक्ष या फिर रक्षामंत्रालय और सेना के प्रवक्ता द्वारा सिर काटे जाने की उपरोक्त घटना की सूचना देता कोई बयान कहीं प्रकाशित प्रसारित हुआ हो तो बताइये.?

      Delete
  9. September 2016 se pahele government mein dum nahi that ki Sena ko Hukkam kare !! Adesh de !

    Wo to Sena hi khud decide kar ke raid karti thi !! Congi ke Bhadvo mein kisi mein himmat kahin thi??

    ReplyDelete
  10. jis party ki kaman ek videshi khoon ke hath me ho us party se desh prem v desh ki janta ki bhalai ki umid kabhi nahi ki jaskti, ha sata ki bhukh jarur dekhi ja sakti hai

    ReplyDelete
  11. hamare desh ke mediya me bhi kuch ko chodkar jyadatar mediya wale chand sikko ki khatir apna iman bechrahe hai or desh ke sath gadhari karne me koi kashar nahi rakh rahe

    ReplyDelete
  12. hamare desh ki rajniti me ek naya chehra aaya jisne bharstachar, risvat khatam karne ki kasame khai andolan kiye, aaj vo ek state ka cm hokar apne aap ko desh ka suprimo samjta hai, aaye din desh virodhi bayan bajji karta rahta hai, modi virodh ke alava koi kam nah.delhi ki janta ko pani free, light free,ke chakkar me aisa bevkuf banaya ki delhi ki janta khoon ke aansoo baha rahi hai,ye hamare desh ka bhagay hai

    ReplyDelete