राहुल गाँधी द्वारा OROP को लेकर को लेकर की जा रही बयानबाजी तथा इसी सन्दर्भ में कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी गयी चिट्ठी के बाद आज एक भूतपूर्व सैनिक द्वारा की गयी आत्महत्या के बाद दिल्ली में राममनोहर लोहिया अस्पताल के सामने सड़क पर किये गए सियासी तांडव ने इस गंभीर सवाल को जन्म दिया है कि राहुल गाँधी और उनकी कांग्रेस ने देशवासियों को पागल और देश को पागलखाना समझ लिया है क्या....???
राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस को शायद याद नहीं है इसलिए याद उनको यह याद कराना आवश्यक है कि... अपने लगभग 3900 सैनिकों का बलिदान देकर 1971 में भारत को ऐतिहासिक विजय का उपहार तथा पाकिस्तान को शर्मनाक ऐतिहासिक पराजय का सबक सिखाने वाली भारतीय सेना को पुरस्कृत करने के बजाय ठीक 18 महीने बाद 1973 में भारतीय सेना से OROP की सुविधा छीनकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा भारतीय सेना को यदि दण्डित और अपमानित नहीं किया गया होता तो दिल्ली में आज भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ने OROP के कारण आत्महत्या नहीं की होती.
1973 से 1914 तक की 14 वर्ष की समयावधि में से लगभग 31 वर्ष तक देश पर शासन करती रही कांग्रेस की सरकारों ने यदि 1973 में भारतीय सेना से OROP की सुविधा छीनने के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कुकर्म का प्रायश्चित करते हुए यदि भारतीय सेना की OROP की सुविधा बहाल कर दी होती तो आज दिल्ली में भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ने OROP के कारण आत्महत्या नहीं की होती.
राहुल गाँधी जी, 1973 में भारतीय सेना से OROP की सुविधा छीनने का कुकर्म जिस तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किया था उसकी मुखिया आपकी दादी श्री, श्रीमती इंदिरा गाँधी थीं.
राहुल गांधी जी, भारतीय सेना से OROP की सुविधा छीनने के बाद के 31 वर्षीय कांग्रेसी शासन वाली सरकारों में आपके पिताश्री, राजीव गाँधी की प्रचण्ड बहुमत वाली सरकार का पांच वर्षीय कार्यकाल भी शामिल है. यदि आपके पिताश्री राजीव गाँधी ने भारतीय सेना की OROP की सुविधा बहाल कर दी होती तो आज दिल्ली में भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ने OROP के कारण आत्महत्या नहीं की होती.
राहुल गाँधी जी, 2004 से 2014 तक देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाले जिस UPA गठबंधन की सरकार थी उस कांग्रेस और UPA की मुखिया कोई और नहीं बल्कि आपकी माताश्री, सोनिया गाँधी ही थी. यदि अपने 10 वर्ष के शासनकाल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने भारतीय सेना की OROP की सुविधा बहाल कर दी होती तो आज दिल्ली में भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ने OROP के कारण आत्महत्या नहीं की होती.
आज OROP को ठीक से लागू करने की मांग का सियासी पाखण्ड कर रहे राहुल गाँधी जी, जिस OROP सुविधा को लागू करने के लिए न्यूनतम दस हज़ार करोड़ रुपयों की जरूरत थी उस OROP सुविधा के लिए 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले केवल पांच सौ करोड़ रुपये आबंटित कर के UPA की सरकार ने यदि भूतपुरवैनिकों के साथ क्रूर सियासी मज़ाक करने के बजाय न्यूनतम दस हज़ार करोड़ रुपये आबंटित कर OROP सुविधा का क्रियान्वयन कर के भारतीय सेना की OROP की सुविधा बहाल कर दी होती तो आज दिल्ली में भूतपूर्व सैनिक रामकिशन ने OROP के कारण आत्महत्या नहीं की होती.
राहुल गाँधी जी जिस नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ OROP को मुद्दा बनाकर आज राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सामने सड़क पर आप सियासी तांडव कर रहे हो उस मोदी सरकार ने OROP के लिए आवश्यक दस हज़ार करोड़ रुपये आबंटित कर के भारतीय सेना की OROP की सुविधा लागू कर दी है जिसमें से साढ़े पांच हज़ार करोड़ रुपये भूतपूर्व सैनिकों को दिए भी जा चुके हैं.
में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारतीय सेना से OROP की सुविधा क्यों छीन ली थी...???
राहुल गांधी जी, 1973 के पश्चात् के 31 वर्षीय लम्बे कांग्रेसी शासनकाल में भारतीय सेना की OROP की सुविधा उसको वापस क्यों नहीं की गयी थी...???
राहुल गांधी जी, भारतीय सेना को OROP की सुविधा वापसी का जो काम आपकी कांग्रेसी सरकारें अपने 31 वर्षीय शासनकाल में नहीं कर पायी उस काम को मोदी सरकार ने यदि अपने 31 महीने के शासनकाल में ही कर दिखाया हैं तो उसके खिलाफ सियासी तांडव क्यों.???
राहुल गांधी जी, उपरोक्त तथ्यों तर्कों और सवालों की कसौटी तो यही सन्देश देती प्रतीत होती हैं कि OROP के मुद्दे पर आपके द्वारा बहाये जा रहे आंसू सिर्फ और सर्फ घड़ियाली आंसू हैं.
राहुल गांधी जी, आपको OROP से सम्बन्धित कांग्रेसी सरकारों के 31 वर्षीय लम्बे उपरोक्त आचरण के सम्बन्ध में देश के समक्ष, विशेषकर भारतीय सेना के समक्ष, उसके भूतपूर्व सैनिकों के समक्ष स्पष्टीकरण देना चाहिए कि 1973 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारतीय सेना से OROP की सुविधा क्यों छीन ली थी...???
राहुल गांधी जी, 1973 के पश्चात् के 31 वर्षीय लम्बे कांग्रेसी शासनकाल में भारतीय सेना की OROP की सुविधा उसको वापस क्यों नहीं की गयी थी.???
राहुल गांधी जी, भारतीय सेना को OROP की सुविधा वापसी का जो काम आपकी कांग्रेसी सरकारें अपने 31 वर्षीय शासनकाल में नहीं कर पायी उस काम को मोदी सरकार ने यदि अपने 31 महीने के शासनकाल में ही कर दिखाया हैं तो उसके खिलाफ सियासी तांडव क्यों.???
राहुल गांधी जी, उपरोक्त तथ्यों तर्कों और सवालों की कसौटी तो यही सन्देश देती प्रतीत होती हैं कि OROP के मुद्दे पर आपके द्वारा बहाये जा रहे आंसू सिर्फ और सर्फ घड़ियाली आंसू हैं तथा आप और आपकी कांग्रेस ने
देशवासियों को पागल और देश को पागलखाना समझ लिया है क्या....???
itna samghane ki sakti rahul me nahi he use to jo sarkaar kam karegi uska keval virodh hi karna he
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमोदी सरकार ने भारत की नैतिक जिममेदारी समझते हुये हम कार्य बडे जिममेदारी के साथ निभा रहे हैं। कांग्रेस का हर हरकत कुर्सी से जुडे रहने के लिये है।
Deleterahul gandhi ji non sense parson
ReplyDelete