Saturday, January 20, 2018

जबड़े मसूढ़े जुबान लहूलुहान पर खुश है पाकिस्तान

यह सर्वज्ञात तथ्य है कि कुत्ता जब सूखी हड्डी को चबाता, चूसता है तो उसके मसूढे, उसकी जीभ, उसका तालू सूखी हड्डी की चोट से टूट जाता है जगह जगह, उससे खून बहने लगता है।  खून का स्वाद क्योंकि कुत्ते को बहुत पसंद होता है अतः वह उसी खून को चूसता चाटता है और सोचता रहता है कि खून हड्डी से आ रहा है।
आज उपरोक्त तथ्य का उल्लेख इसलिए क्योंकि आजकल पाकिस्तान कुछ इसी मनोदशा से गुजर रहा है। वह भारत को हड्डी समझकर चबाने चूसने की कोशिश में अपने जबड़े मसूढ़े जुबान लहूलुहान कर रहा है।
आज पाकिस्तान ने सीमा पर बसे नागरिक क्षेत्रों में भी धुआंधार गोलीबारी की है। इसमें दो भारतीय नागरिक शहीद हुए हैं। पिछले 10 दिनों से सीमा से लगातार ऐसे समाचार आ रहे हैं कि पाकिस्तानी फायरिंग में कभी 2 तो कभी 4 भारतीय सैनिक/नागरिक शहीद हो रहे हैं। इस समाचार के साथ ही यह समाचार भी आता है कि भारत की जवाबी फायरिंग में पाकिस्तान के कभी 4 कभी 8 कभी 12 पाकिस्तानी जवानों को ढेर किया। यानि भारत दोगुने, तीन गुने ज्यादा पाकिस्तानी जवान मार रहा है। लेकिन पाकिस्तान फिर भी मान नहीं रहा है। यह सिलसिला पिछले 10-12 से लगभग रोजाना चल रहा है। आखिर क्यों.?
इसका कारण है भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में बनने जा रहे एक इतिहास को बनने से रोकने की पाकिस्तान की मंशा।
दरअसल प्रधानमंत्री ने एक ही लीक पर चल रही 70 वर्ष पुरानी परम्परा को तोड़ते हुए इस वर्ष भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में किसी एक देश के राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि बनाने के बजाय 10 देशों के शक्तिशाली आर्थिक समूह आसियान ASEAN (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) के सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। सभी राष्ट्राध्यक्षों ने समारोह में आने की सहमति भी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह रणनीतिक मास्टर स्ट्रोक है।
उल्लेखनीय है कि आसियान के सदस्य 10 देशों में से आधे से अधिक वो देश हैं जो चीन के कट्टर शत्रु हैं। अपना आर्थिक साम्राज्य स्थापित करने की चीन की चेष्टा के विरुद्ध चट्टान की तरह बाधा बनकर खड़े हैं। पिछले कुछ समय के घटनाक्रमों से इन देशों को अपनी चीन विरोधी रणनीति में भारत अपना सशक्त सहयोगी साझीदार स्पष्ट दिख रहा है। अतः भारत की राजधानी में इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के जमावड़े से चीन के खिलाफ रणनीति को और शक्ति मिलेगी। यही कारण है कि चीन सर्वाधिक बौखलाया हुआ है। लेकिन वह स्वयं कुछ कह नहीं सकता, कुछ कर नहीं सकता। अतः उसने अपने पाले हुए कुत्ते पाकिस्तान को इस जमावड़े को रोकने के काम पर लगाया है। यही कारण है कि पाकिस्तान सीमा पर तनाव को इतना बढ़ा देने की कोशिश कर रहा है कि आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों की भारत यात्रा रद्द हो जाए। इससे भारत की किरकिरी होगी।
इसके लिए पाकिस्तान अपने दोगुने सैनिक भी मरवाकर अपनी कोशिशों में जुटा हुआ है। जबकि भारत अभी भी संयमित जवाब ही दे रहा है। लेकिन यदि पाकिस्तान की कोशिशें जारी रही तो 26-27 तक तो भारत उसको नापतौल के दोगुने तिगुने के हिसाब से जवाब देता रहेगा। लेकिन उपरोक्त तारीखों के बाद सीमा पर सम्भवतः ऐसी आतिशबाजी देखने को मिलेगी जो पाकिस्तान 1999 (कारगिल यद्ध) के बाद एक बार पुनः देखेगा सुनेगा।

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