Tuesday, January 9, 2018

Part-4 लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को खोखला कर रहीं दीमकों को पहचानिए

Part-4
गुजरात में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का अकाल बताकर आरोपों की झड़ी लगाते समय राहुल गांधी यह भूल गए कि केवल 9 महीने पहले उत्तरप्रदेश की सपा सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शासनकाल का मुक्त कण्ठ से गुणगान कर रहे थे उस शासनकाल की तुलना में गुजरात मे स्वास्थ्य सुविधाएं कई गुना अधिक बेहतर हैं।

गुजरात में लगभग 54 लाख 20 हज़ार की जनसंख्या पर एक मेडिकल कॉलेज है। जबकि यूपी में लगभग एक करोड़ 40 लाख की जनसंख्या पर एक मेडिकल कॉलेज है। 

रही स्वास्थ्य सुविधाओं के निजीकरण की बात तो राहुल गांधी क्या यह नहीं जानते कि अत्यधिक महंगा इलाज करनेवाले अपोलो मैक्स मेदांता फोर्टिस सरीखे दर्जनों निजी अस्पतालों की स्थापना, उनकी विभिन्न शाखाओं का देशव्यापी विस्तार कांग्रेस के ही शासन में हुआ है।
गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी का एक संगीन आरोप यह भी था कि...

PM ने रॉफेल डील में हुए भ्रष्टाचार की बात नहीं की तथा उद्योगपति अनिल अम्बानी को फायदा पहुंचाने के लिए भारत में युद्धक विमान रॉफेल बनाने का काम HAL के बजाय अनिल अम्बानी को दिलवा दिया।

राहुल गांधी ने रॉफेल युद्धक विमान सौदे पर 2 साल बाद सवाल क्यों उठाए.? तथा उनके पास इस सौदे में भ्रष्टाचार का क्या साक्ष्य है.? इसका जवाब राहुल गांधी ने आजतक नहीं दिया है। वायुसेनाध्यक्ष और रक्षामंत्री ने रॉफेल डील पर देश के सामने जो तथ्य प्रस्तुत कर के रॉफेल सौदे को पूर्णतः  भ्रष्टाचार मुक्त बताया है उन तथ्यों का खण्डन राहुल गांधी आजतक नहीं कर पाए हैं। 
इसीप्रकार भारत सरकार ने रॉफेल विमान बनाने की शर्त सौदे में शामिल की थी लेकिन इसके लिए वो कम्पनी भारत में किसे अपना साझीदार बनाएगी, ऐसी कोई शर्त सौदे में शामिल नहीं थी।
इसीप्रकार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे राहुल गांधी आजतक कोई ऐसा साक्ष्य या तथ्य देश के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकें हैं कि जय शाह ने इसतरह से यह भ्रष्टाचार किया है।
राहुल गांधी और उनके मीडियाई चीयर लीडर्स को यह याद रखना चाहिए कि इस देश को हिलाकर रख देनेवाले कॉमनवेल्थ घोटाले, कोयला घोटाले, 2G घोटाले, अगस्टा वेस्टलैंड घोटाले सरीखे भ्र्ष्टाचार के दर्जनों मामलों में जिन लोगों ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर आरोप लगाए थे उन सभी लोगों ने इन घोटालों से संबंधित ऐसे पुख्ता साक्ष्य देश और न्यायपालिका के समक्ष प्रस्तुत किये थे जिनपर देश को भी विश्वास हुआ था और न्यायपालिका को भी। यूपीए सरकार के कर्णधार उन साक्ष्यों तथ्यों को नकार नहीं सके थे। 
अतः राहुल गांधी और उनके मीडियाई चीयर लीडर्स की टीम को यह समझना होगा कि राजनीति के रथ को झूठ के घोड़ों के सहारे नहीं खींचा जा सकता।

No comments:

Post a Comment