Monday, May 16, 2016

बेहोश कांग्रेस को अभी होश नहीं आया है...

कांग्रेसी प्रवक्ता ने हिंदुत्व को हिन्दू धर्म के लिए सबसे बड़ा खतरा घोषित करते हुए हिन्दू धर्म को हिंदुत्व से बचाने का आह्वान किया है.

जिस हिंदुत्व की पालकी को स्वामी विवेकानंद और महामना मदनमोहन मालवीय सरीखे महामानवों ने असाधारण आदर के साथ अपने कन्धों पर उठाया हो उस हिंदुत्व को कलंकित, लांछित, अपमानित करने की इस कांग्रेसी मुहिम का आधार क्या है?
हिंदुत्व को हिन्दू धर्म के लिए कांग्रेस क्यों और किसलिए खतरा मानती है? फिलहाल कांग्रेसी प्रवक्ता ने इसका कोई उत्तर नहीं दिया है.
किन्तु एक हिन्दू धर्मावलम्बी होने के अपने अधिकार के साथ मैं यह बताना चाहता हूँ कि...
हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस की सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा हलफनामा देकर यह औरंगजेबी ऐलान किया था कि, हर हिन्दू के तन मन रोम रोम में जो राम रचे बसे हैं, वास्तव में तो उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है और भगवान् राम का नाम केवल एक कोरी गप्प और अफवाह के सिवाय कुछ नहीं है.
कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस की सरकार ने अपनी सरकारी पाठ्य पुस्तकों में देवी माँ दुर्गा को शराब के नशे में धुत्त रहनेवाली व्यभिचारिणी वेश्या तथा देवाधिदेव महादेव भगवान् शंकर को शराबी बलात्कारी लिख कर हिन्दू धर्म पर ऐसा भयंकर आक्रमण किया था जैसा कि महमूद गजनवी और नादिर शाह ने भी नहीं किया था.
कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस की सरकार ने देवी माता सीता, देवी माता सरस्वती और देवी माता दुर्गा के नग्न चित्र बनाकर पूरी दुनिया में उन चित्रों की नुमाइश कर करोड़ों हिन्दुओ की आस्था श्रद्धा विश्वास को आहत और अपमानित करनेवाले एमएफ हुसैन नाम के धूर्त को पद्म भूषण और पद्म विभूषण सरीखे शासकीय नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया था.
कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस की सरकार ने बजरंगबली भगवान हनुमान को दुनिया का पहला आतंकवादी लिखने कहने वाले धूर्त साहित्यकार राजेंद्र यादव को साहित्य अकादमी और पद्मश्री, पद्मभूषण सरीखे सम्मानों से सम्मानित किया था.
कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस की सरकार ने हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु अपने पुत्रों सहित स्वयं को बलिदान करने वाले परम श्रद्धेय सिक्ख गुरु तेगबहादुर जी को सरकारी पाठ्य पुस्तकों में लुटेरा और आततायी लिखकर हर हिन्दू और सिक्ख धर्मावलम्बी की आस्था श्रद्धा और विश्वास के साथ जघन्य बलात्कार किया था.
कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस के तथाकथित युवराज राहुल गांधी ने बाकायदा रैली के मंच से माइक पर चिल्ला चिल्ला कर यह फैसला सुनाया था कि, मंदिर जानेवाले लोग लड़कियां छेड़ने का काम करते हैं. कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा मानता है जिस कांग्रेस की सरकार किसी मुस्लिम आतंकवादी के पकड़े जाने पर यह दुहाई देती थी कि, आतंकवाद या आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता लेकिन उसी कांग्रेस की सरकार का गृहमंत्री संसद और सियासत के मैदान में चिल्ला चिल्ला कर हिन्दू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद के किस्से गढ़ता था, तथाकथित युवराज अमेरिकी राजनीतिज्ञ से हिन्दू आतंकवाद को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बताकर पूरी दुनिया के हिन्दुओं के मुंह पर कालिख पोतने का काम करता था.
अतः कांग्रेस यह भी समझ ले कि, हर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने हिन्दू धर्म के लिए हिंदुत्व को नहीं बल्कि उस कांग्रेस को ही सबसे बड़ा खतरा मानता है और मानता रहेगा जो कांग्रेस आज भी हिंदुत्व को खतरा बताकर हिन्दुओं की जीवन पद्धति, जीवन शैली पर अपनी दूषित कलुषित नीति और नीयत का कीचड़ उछालने की कुचेष्टा कर रही है.
कांग्रेस सम्भवतः यह भूल गयी है कि लोकतंत्र में चुनाव परिणाम केवल सत्ता का कर्णधार नहीं चुनते बल्कि जनभावनाओं को भी प्रतिबिंबित करते हैं. मई 2014 और उसके बाद लगभग आधा दर्ज़न विधानसभा चुनाव कांग्रेस की उपरोक्त नीति और नीयत के प्रति जनभावनाओं के प्रचण्ड आक्रोश का प्रतीक बने हैं. किन्तु इसके बावजूद कांग्रेसी प्रवक्ता का हिंदुत्व सम्बन्धी उपरोक्त ताज़ा बयान यही संकेत दे रहा है कि, बेहोश कांग्रेस को अभी होश नहीं आया है.

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